एजेंसी।हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप के लिए नयी मुश्किलें खड़ी होनी शुरू हो गयी है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उनके फैसलों की दुनिया भर में आलोचना हो रही है तथा उनकी नीतियों का विरोध हो रहा है। पर ऐसा पहली बार नही हुआ है। राष्ट्रपति बनने से पूर्व उनका चुनावी अभियान भी विवादों के घेरे में रहा है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उनके फैसलों की दुनिया भर में आलोचना हो रही है तथा उनकी नीतियों का विरोध हो रहा है। पर ऐसा पहली बार नही हुआ है। राष्ट्रपति बनने से पूर्व उनकी चुनावी अभियान भी विवादों के घेरे में रहा है। पूर्व में विवाद उनके बयानों से था अब उनके फैसलों से हो रहा है। अभी तक उनके विरुद्ध 50 से अधिक मुक़द्दमे दर्ज किये जा चुके हैं। अमेरिकी के राष्ट्रपति का पदभार सँभालने के बाद से ट्रंप को करीब 52 मुक़द्दमों में नामज़द किया जा चुका है। एनबीसी न्यूज रिपोर्ट की माने तो अमेरिकी अदालतों के प्रशासनिक कार्यालय के तथ्यों के अनुसार 20 जनवरी को पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण के बाद से ट्रम्प पर लगातार मुक़द्दमे दर्ज किये गए हैं।इसके अलावा ट्रंप के खिलाफ अमेरिका के 17 अलग-अलग राज्यों में 52 संघीय मुक़द्दमे दायर किए गए है। ट्रम्प के दो विवादास्पद कार्यकारी आदेश इन अदालती मुक़द्दमो की प्रमुख वजह रहे है। पहला ट्रम्प का वो आदेश जिसमे उन्होंने मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले अप्रवासियों का अमेरिका में अवैध रूप से आव्रजन पर रोक लगा दी। इस विवादास्पद आदेश की घोर निंदा हुई और विरोध हुआ। दूसरा ट्रंप के व्यवसाय का राष्ट्रपति पद के साथ हितों का टकराव भी उन पर मुकदमन की एक वजह बना। अन्य मुकदमों में यह कहा गया है कि ट्रंप के व्यापारिक कैरियर को देखते हुए उनके राष्ट्रपति बनने से अमेरिका के राष्ट्रीय हित प्रभावित हो रहे हैं। यदि ट्रम्प की तुलना पूर्व अमेरिकन राष्ट्रपतियों से की जाये तो बराक ओबामा को केवल तीन तथा जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन को चार-चार मुकदमों में 20 जनवरी से 1 फरवरी के मध्य नामजद किया गया था। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि करीब 40 फीसदी अमेरिकी जनता ट्रम्प को नापसंद करती है। उन पर महाभियोग चलाने की बातें भी अमेरिका में चल रही हैं।