स्वप्निल संसार ,लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि केन्द्र में भाजपा सरकार के दो वर्ष पूरे हो गए हैं। जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ बहुमत दिया था। उसे विश्वास था कि जो वादे किये जा रहे हैं वे पूरे होंगे। लेकिन सरकार बनते ही भाजपा नेतृत्व अपने सब वादे भूल गया। सरकार का फोकस राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के बजाय विदेशों में भीड़ के जुटाने और समझौतों पर हस्ताक्षर पर लगा रहा। लोग एक-एक दिन गिनते रहे कि अब अच्छे दिन आयेंगे पर उनकी आशा घोर निराशा में बदल गई है। राजनीति की शुचिता के लिए आवश्यक है कथनी और करनी में एकता हो। प्रत्येक स्थिति में जन विश्वास कायम रहना चाहिए। भाजपा ने दोनो के प्रति अविश्वास दर्शाया है।
मंहगाई की मार से जनता त्रस्त है। जब केन्द्र में भाजपा की सरकार नही थी तब 70-80 रुपये किलो अरहर की दाल बिक रही थी, सब्जियाँ सस्ती थी। आज 170 रुपये से ज्यादा के भाव पर दाल बिक रही है। बाजार में हर चीज के दामों में आग लगी है। डीजल-पेट्रोल के अन्तर्राष्ट्रीय भाव चाहें गिरें हो, देश में उसके दामों में बहुत कम अन्तर होता है। नौजवानों को रोजगार मिलना तो दूर की कौड़ी साबित हुआ है। गरीब-अमीर की खाई कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है।
भाजपा सरकार ने दो सालों में कई योजनाओं की झड़ी तो लगा दी लेकिन उनको जमीन पर उतारने की दिशा में कोई प्रगति नही हुई। देश में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नही हुआ। सात प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों की वृद्धि दर नकारात्मक दर्ज हुई है। मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप हंडिया, स्किल हंडिया जैसे नारे खोखले साबित हुए हैं।
केन्द्र की भाजपा सरकार ने सबसे ज्यादा उपेक्षा तो कृषि और किसानों की की है। 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने का वादा किया, लेकिन यह बढ़ोत्तरी 1.6 फीसदी पर अटक गई है। किसानों का कर्ज माफ करने और न्यूनतम समर्थित मूल्य देने से भी इंकार कर दिया गया है। गाँवो की स्थिति सुधारने के बजाय भाजपा का सारा जोर तथा कथित स्मार्ट सिटी बनाने पर रहा है।
जहाँ तक उत्तर प्रदेश का सवाल है केन्द्र की भाजपा सरकार का व्यवहार सौतेलापन का है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की प्रगति के लिए विशेष पैकेजों की माँग की, उन्हें पूरा नही किया गया। अतिवृष्टि और सूखे से पीड़ित किसानों की मदद में भाजपा सरकार पीछे रही तो मुख्यमंत्री ने अपने संसाधनो से मुआवजा बाँटा। बुन्देलखण्ड में खाद्य सामग्री के पैकेट पहुँचाए और पेयजल की व्यवस्था की। केन्द्र सरकार ने बिना पानी की ट्रेन भेजकर वाहवाही लूटने की असफल कोशिश की।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार ने अपने सभी चुनावी वादे पूरे कर दिये हैं। उसकी योजनाओं की प्रशंसा दूसरे राज्यों में भी हो रही है। गाँव किसान पर यहाँ 80 प्रतिशत बजट राशि खर्च की जा रही है। पढ़ाई, दवाई, सिंचाई मुफ्त होने के साथ किसानो का कर्ज माफ हुआ है। नौकरियों में भर्ती हो रही है। नौजवानों के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ सांप्रदायिक सौहार्द के बीच आने वाली बाधाओं को भी दूर किया है। प्रदेश उत्तम प्रदेश बनने की दिशा में अग्रसर है जबकि केन्द्र सरकार से जनता का मोहभंग हो गया है। उसकी ऊपरी चमक-दमक भी फीकी पड़ गई है।
