नई दिल्ली.अमित शाह और अरुण जेटली ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियां दिखाईं। दोनों ने कहा कि श्री मोदी ने दिल्ली विश्विधायलय से बीए और गुजरात विश्विधायलय से राजनीति शास्त्र में एम.ए. किया है। श्री शाह ने कहा, ”केजरीवाल ने राजनीतिक जीवन का स्तर गिराया है। उन्होंने दुनिया में देश का नाम बदनाम किया है, उनको माफी मांगनी चाहिए।” अमित शाह बोले- “ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि पीएम की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के लिए हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है।”श्री शाह ने ये भी कहा कि पब्लिक लाइफ में रहे किसी शख्स पर आरोप लगाने से पहले किसी को भी सोच लेना चाहिए। “आरोप लगाने से पहले पूरे तथ्य जुटाने चाहिए।”श्री शाह ने कहा, “अरविंद केजरीवालजी को देश से माफी मांगनी चाहिए। श्री शाह बोले- केजरीवाल को आरोप लगाने से पहले सोच लेना चाहिए…श्री जेटली ने कहा की “1978 में पीएम ने एक्सटर्नल कैंडिडेट के तौर पर दिल्ली विश्विधायलय से ग्रैजुएशन किया और उसके बाद गुजरात विश्विधायलय से एमए किया।” “श्री अमित शाह ने जो विषय उठाया है, उसके कई पहलू हैं।” “एक कठिन स्थिति के परिवार से निकले व्यक्ति का सामाजिक काम करते हुए दिल्ली विश्विधायलय से बीए और गुजरात विश्विधायलय से एमए करना बड़ी बात है। आम आदमी की राजनीति करने वाली पार्टी को इसकी प्रशंसा करनी चाहिए थी।” “बिना किसी फैक्ट को चेक किए वे सार्वजनिक जीवन को सबसे निचले स्तर पर ले आए।” “आप को छोड़कर और कोई पार्टी नहीं है जिसके लीडर पर फर्जी डिग्री का मामला चल रहा हो।” “ये एडवेंचर की राजनीति गर्वनेंस का सब्सिट्यूट है।”
– “वहीं, आप के आशुतोष ने दिखाई गई श्र्री मोदी की दोनों डिग्रियों को फर्जी करार दिया और कहा- “बीए और एमए की डिग्री में नाम अलग है।” श्र्री शाह और अरुण जेटली की पीसी के बाद आशुतोष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आशुतोष ने दावा किया कि शाह ने पीएम की जो डिग्रियां दिखाई हैं, वो फर्जी हैं। “अमित शाह और अरुण जेटली कोई भगवान नहीं हैं कि वो जिस डिग्री को दिखाएंगे, जनता उसे मान लेगी।” “नकल के लिए भी अक्ल चाहिए। मेरे सामने मोदी जी की दो डिग्रियां हैं जो जारी की गई हैं। दोनों डिग्री में नाम अलग-अलग है।” “बीए में नाम है नरेंद्र कुमार दामोदर दास मोदी जो एमए में बदलकर नरेंद्र दामोदर दास मोदी हो जाता है। क्यों?” “जब नाम में बदलाव होता है तो एफिडेविट देकर होता है। कहां है वो एफिडेविट जिसमें नाम बदला गया है।” “दूसरी बात, बीए की मार्क्सशीट में पास ईयर 1977 लिखा है, लेकिन सर्टिफिकेट में लिखा है 1978 ।” “मार्क्सशीट और सर्टिफिकेट में अंतर क्यों है? क्या मोदी जी ने दो-दो बीए किए?””शाह और जेटली ने फर्जी डिग्री देश को दिखाई, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।