यूपी 2017 का हिस्सा हैं ये गिरफ्तारियां, आतंकी विस्फोट भी करा सकता है संघ-खुफिया गठजोड़
संघ समर्थित मीडिया भी साजिश में शामिल
लखनऊ। रिहाई मंच ने एनआईए द्वारा हैदराबाद में आतंकी संगठन आईएस से जुड़े मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी को मुसलमानों को बदनाम करने का एनआईए का ताजा नाटक करार दिया है। मंच ने कहा है कि मोदी की खुलती पोल और उनके खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश से निपटने के लिए संघ परिवार और एनएसए अजित डोभाल एनआईए से ऐसी गिरफ्तारियां करा रहे हैं।
रिहाई मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा है कि कल देर रात जिस तरह हैदराबाद में एक दर्जन से अधिक मुस्लिम युवकों को आईएस का आतंकी बता कर पकड़ा गया वो रमजान के महीने में हिंदुओं को मुसलमानों से भयभीत करने की नीति का हिस्सा है क्योंकि इसी महीने में मुसलमान अपनी धार्मिक पहचान के साथ सबसे ज्यादा संगठित रूम में दिखता है। जिसका मकसद मोदी सरकार के खिलाफ बढ़ रहे जनाक्रोश को मुसलमानों की तरफ भटकाना है। उन्होंने कहा कि एनआईए आतंकवाद से निपटने के बजाए आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों को फंसाने वाली एजेंसी की भूमिका में आ गई है। जिसका मकसद बेगुनाह मुस्लिम युवकों को फंसाना और संघ परिवार से जुड़े आतंकवादियों के खिलाफ सुबूतों को नष्ट और कमजोर करना और रोहिणी सैलियन जैसे पब्लिक प्रोस्क्यिूटरों पर दबाव डाल कर संघी अतांकियांे को जमानत दिलवाना रह गया है।
रिहाई मंच महासचिव ने सवाल किया कि संघ परिवार से जुड़े संगठन पूरे देश में खुले आम हथियारों की ट्रेनिंग देते हैं लेकिन एनआईए को यह नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि हैदराबाद की घटना यह साबित करती है कि आने वाले दिनों में एनआईए अभी और भी फर्जी गिरफ्तारियां करेगी क्योंकि यही सब करके वो भाजपा के लिए उत्तर प्रदेष में अगले साल होने वाले चुनावों में माहौल बनाएगी क्योंकि ठीक इसी तरह कुछ महीनों पहले भी सहारनपुर से आईएस के नाम पर मुस्लिम युवकों को फंसाया गया था। राजीव यादव ने कहा कि इस मकसद को हासिल करने के लिए संघ परिवार और खुफिया एजंेसियों द्वारा किसी बड़े आतंकी हमले की सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस योजना में संघ परिवार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विवेकानंद फाउंडेशन ने खुफिया विभाग, एनआईए, दिल्ली स्पेशल सेल के अलावा जी टीवी, आइबीएन 7 जैसे संघ परिवार समर्थक मीडिया समूहों को भी लगाया है। इसी रणनीति के तहत पिछले दिनों आईबीएन 7 न्यूज चैनल पर लखनऊ के स्कूलों में पेशावर जैसी आतंकी घटना के होने की सम्भावना पर खुफिया विभाग के हवाले से फर्जी खबर भी चलवाई गई। जबकि दूसरे अखबारों और चैनलों पर ऐसी कोई खबर नहीं थी और लखनऊ प्रशासन ने भी इसे बहुत पुराना और गलत इनपुट बताया है। उन्होंने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में आम हिंदुआंे में मुसलमानों की हिंसक छवि बना कर खुफिया विभाग और संघ परिवार भाजपा के लिए उनके मतों का दोहन करना चाहता है। जिसके खिलाफ आम लोगों को सचेत रहने की जरूरत है।