मुबारक साल गिरह। एजेंसी। एन आर नारायणमूर्ति संसार की अत्यंत समृद्ध सॉफ़्टवेयर कम्पनी ‘इन्फ़ोसिस टेक्नोलॉजीज’ के मालिक और संस्थापक हैं। इन्फोसिस देश की दूसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी है। इसका मार्केट कैप 3.12 लाख करोड़ रुपए है। उन्होंने इस कम्पनी की स्थापना 1981 में अपने 6 मित्रों के साथ मिलकर की थी। उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत की बदौलत अपनी कम्पनी इन्फ़ोसिस को उन गिनी चुनी कम्पनियों के समकक्ष खड़ा कर दिया है, जिनके बारे में सोचने के लिये भी लोग ज़िन्दगी गुजार देते हैं। नारायणमूर्ति भारतीय साफ़्टवेयर उद्योग के प्रणेता ही नहीं वरन् विदेशों में भारतीय कम्पनियों का झन्डा ऊँचा करने के प्रेरणा स्त्रोत भी हैं। नारायणमूर्ति ने दुनिया को दिखा दिया है, यदि आप में आत्मविश्वास है, कुछ कर गुजरने की क्षमता है, तो सफलता हमेशा आपके कदम चूमेगी। नारायणमूर्ति ने सफलता की नयी परिभाषाएं गढ़ते हुए भारतीय कम्पनियों को बताया कि पूरी दुनिया के दरवाज़े हमारे लिए खुले हुए हैं।
एन आर नारायणमूर्ति का पूरा नाम नागवार रामाराव नारायणमूर्ति है. नारायणमूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 को वर्तमान कर्नाटक के मैसूर में ब्राह्मण परिवार में हुआ था. 3. मैसूर से अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद नारायणमूर्ति ने साल 1967 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की.1969 में नारायणमूर्ति ने कानपुर स्थित भारतीय तकनीकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान से मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की. नाराय़णमूर्ति ने अपनी सबसे पहली नौकरी आईआईएम अहमदाबाद में रिसर्च एसोसिएट के रूप में शुरु की.1976 में नारायणमूर्ति ने Softronics के नाम से आईटी कंसल्टिंग फर्म की स्थापना की.1978 में नारायणमूर्ति की शादी सुधा कुलकर्णी के साथ हुई. सुधा के साथ नाराय़णमूर्ति का प्रेम विवाह हुआ था.1981 में अपने 6 दोस्तों के साथ मिलकर नारायणमूर्ति ने इंफोसिस की स्थापना की जिसमें नारायणमूर्ति ने खुद से जोड़े हुए 10000 रुपय़े भी दिये थे. नारायणमूर्ति ने 1981 से 2002 तक 21 सालों तक इंफोसिस के सीईओ के रूप में काम किया.2002 से 2006 के बीच नाराय़णमूर्ति ने इंफोसिस के चेयरमैन के रूप में काम किया. नाराय़णमूर्ति को भारत सरकार के द्वारा पद्मश्री एवं पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. नारायणमूर्ति को यूनाइटेड किंगडम की सरकार के द्वारा Order of the British Empire अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. 2000 में Asiaweek ने नाराय़णमूर्ति को एशिया के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में शामिल किया था. इकॉनमिक टाइम्स के द्वारा किये गये एक ऑनलाइन सर्वे में नारायणमूर्ति को भारत का सबसे अच्छा सीईओ कहा गया. नाराय़णमूर्ति को 70 के दशक में बुल्गारिया में 72 घण्टों के लिए जेल भी जाना पड़ा था.
