एफटीएफ और लखनऊ पुलिस ने किया दो अपराधियों को गिरफ्तार
लखनऊ। तीस घंटे का सफर,एक युवती समेत चार दोस्तों का साथ, स्कार्पियों पर सवार होकर मुम्बई से सोमवार की शाम को लखनऊ पहुंचे। जहां से उन्होंने एक जल निगम के सेक्शन अफसर का अपहरण करके इलाहाबाद के एक होटल ले गए। यह सब किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी से कम नहीं लेकिन मुम्बई में फिल्म जगत में काम करने वाले इलाहाबाद के एक गैंग की सच्ची दास्तां है। यह दावा लखनऊ पुलिस व एसटीएफ की दो टीमों ने खुलासा में किया है। बताया गया कि अपराधियों ने एक इंजीनियर के अपहरण का प्लान बनाया और दो करोड़ की फिरौती वसूलने की साजिश की लेकिन न मारने का वादा भी किया था। जब अपहरण हुआ व्यक्ति सेक्शन अफसर निकला तो वह गुस्सा हो गए। दस लाख की फिरौती के बाद दो लोगों की हत्या कर दी गई है। हालांकि दो अपराधियों को पकड़ा भी जा चुका है। जबकि तीन अभियुक्त इलाहाबाद पुलिस की हिरासत में आ चुके हैं जिनसे पूछताछ की जा रही है।
दरअसल यह कहानी एक शादीशुदा लड़की नीतू सिंह की है। जो रुपए के लालच में अपने पति व दो बच्चों को छोड़कर लखनऊ आ गई। इसी बीच लखनऊ के रहने वाले एक सरकारी विभाग में काम कर रहे संदीप सिंह की मुलाकात नीतू सिंह के पति अशोक से हो गई। अशोक ने अपनी आपबीती संदीप को सुनाई तो उसने उसकी मदद करने के बजाए मौका का फायदा उठाया और आशोक की पत्नी नीतू सिंह से अपनी नजदीकियां बढ़ा ली। संदीप और नीतू इतना करीब आ गए कि दोनों हुसडियां गोमतीनगर में आकर रहने लगे। संदीप ने भी अपनी पत्नी को छोड़ दिया। लेकिन गलत नियत से बने संबंध बहुत देर तक नहीं टिकते। ऐसा ही यहां भी हुआ। नीतू सिंह की पैसों की भूख दिन ब दिन बढ़ती जा रही थी। जिससे संदीप परेशान होने लगा। नीतू राजधानी के एक एस्पा में भी काम करने लगी। जहां नीतू की मुलाकात गाजीपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले अब्दुल सलीम फरीदी से हो गई। फरीदी जल निगम में सेक्शन अफसर है। फरीदी भी शादीशुदा होने के बाद भी आशिक मिजाज था। यह बात जब संदीप को पता चली तो उसने नीतू का विरोध किया। लेकिन नीतू की पैसों की भूख के आगे संदीप बेबस होने लगा। तब उसने एक ऐसे इंसान से सम्पर्क किया जो हालात का मारा था और एक अपना गैंग बनाकर वारदात अंजाम देता था। यह गैंग था इलाहाबाद के रहने वाले इमरान का। इमरान एक रियल स्टेट कंपनी में काम करता था। बहुत मेहनत से इमरान ने कंपनी के लिए करीब दो करोड़ रुपए जमा कराए लेकिन कंपनी उसे धोखा देकर भाग गई। लेकिन कंपनी में पैसा लगाने वाले लोग इमरान पर रुपए वापस करने का दबाव बनाने लगे। कर्जदारों का रुपए देने के लिए इमरान ने अपने साथ अपने दोस्त जीतेश अशोक कोरवे निवासी मुंबई के अलावा इलाहाबाद के दो अन्य युवकों को साथ लेकर गैंग बनाया। जिसके बाद वह लूट व अपहरण की वारदात करने लगा। एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि इमरान पर पहले भी फिरौती वसूलने जानकारी मिली है। जिसका रुपए उसने संदीप के खाते में मंगवाएं है। इलाहाबाद में पकड़े गए इमरान के तीन साथी आसिफ, जमील व अजमल से पूछताछ की जा रही है। वहीं इलाहाबाद के सिविल लाइन थाना और राजधानी के गोमतीनगर थाना क्षेत्र में हुई घटना की सूचना जुटाई जा रही है।
नीतू से छुटकारा के लिए बनाई पूरी योजना
उधर नीतू के जाल में फंस चुका संदीप किसी तरह से इस दलदल से बाहर निकलने की कोशिश में था। उसने इमरान को आपबीती सुनाई और एक फिल्मी कहानी बनकर तैयार हुई। कहानी की पूरी पटकथा मुंबई में लिखी गई। खास बात यह रही कि गैंग में चार लोग शामिल हुए थे। जबकि चारों ने अपना अलग प्लान बना रखा था और इसकी भनक एक दूसरे को भी नहीं थी। लेकिन चारों को एक बात जो पता था कि उन्हें एक व्यक्ति का अपहरण करना है जिसके एवज में उन्हें करोडों रुपए मिल सकते हैं। नीतू, संदीप, इमरान और जीतेश स्कार्पियो गाड़ी से मुंबई से लखनऊ के लिए निकल पड़े। यहां योजना के मुताबिक नीतू ने अपने शिकार जल निगम के बाबू फरीदी को फोन कर हजरतगंज क्षेत्र में बुलाया। जहां चारों ने उसका अपहरण कर लिया। फिर उसे लेकर इलाहाबाद पहुंचे। जहां इमरान ने फरीदी को अपने एक दोस्त के घर पर रखा। चारों ने इस प्लान को तय योजना के तरीके अंजाम तो दे दिया। लेकिन उन चारों ने जो अलग-अलग प्लान बनाए थे अब उन्हें अंजाम देने की बारी थी। दरअसल संदीप सिंह ने इमरान से पहले ही नीतू की हत्या करने की बात कर ली थी। लिहाजा वादे के मुताबिक इमरान ने नीतू की गोली मारकर हत्या कर दी। उधर फरीदी ने भी संदीप की हत्या की सुपारी इमरान को दे रखी थी। लिहाजा नीतू की हत्या के बाद इमरान ने संदीप को भी मौत के घाट उतार दिया और वादे के तहत फरीदी को छोड़ दिया। इन सबके लिए इमरान ने फरीदी से दस लाख रुपए ले लिए थे।