लखनऊ। स्वामी विवेकानन्द ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को रास्ता दिखाया। उन्होंने हमें त्याग, सेवा, समर्पण की शिक्षा दी और देश के युवाओं को रास्ता दिखाया। स्वामी जी का मूल सन्देश यही है कि दुःखी प्राणी की हमेशा सेवा करो। यह बात राजधानी के विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में स्वामी विवेकानन्द और महर्षि महेश योगी के जयंती समारोह पर आयोजित ‘स्वामी विवेकानन्द एक युगदृष्टा विचार गोष्ठी में हिन्दुस्थान समाचार के चेयरमैन एवं राज्य सभा सांसद रविन्द्र किशोर सिन्हा ने कही।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द को सेवाभाव इतना पसन्द था कि बंगाल में प्लेग बीमारी फैलने के दौरान जब उनके शिष्य ने स्वामी जी से पूछा की यह कार्य कब तक चलेगा, तब स्वामी विवेकानन्द ने कहा कि “जब तक बंगाल से प्लेग खत्म नही हो जाता।’’ श्री सिन्हा ने कहा कि स्वामी जी कहना था कि पीड़ित मनुष्य की सेवा ही सत्य में ईश्वर की भक्ति है। सेवा करने का सौभाग्य जिन्हें नहीं प्राप्त है, वह गंगा में नोट बहा रहे हैं। जो सेवा करते हैं, सौभाग्यशाली हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि शिकागो सम्मलेन से भारत लौटने पर स्वामी जी ने पूरे देश का भ्रमण कर जागृति पैदा कर ऊर्जा का संचार किया। इसका बहुत बड़ा प्रभाव स्वतंत्रता आन्दोलन पर पड़ा। भारतीय दर्शन को जिस तरह उन्होंने प्रतिपादित किया वह अद्भुत है। वह बहुत लम्बी बात नहीं करते थे, केवल प्रश्नों का जवाब देते थे। उनकी वाणी में सरस्वती विराजमान थीं। उन्होंने हिन्दी, अंग्रेजी और बांग्ला भाषा में भाषण दिए। इसके अलावा वह अच्छे गायक, योगी और पहलवान थे और वाद्य यन्त्र भी अच्छा बजाते थे।
स्वामी जी के बचपन का किस्सा सुनाते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि वह बचपन में पेड़ पर चढ़कर उसकी डाली पर झूलते थे। उनसे एक परिचित व्यक्ति ने कहा कि इस पेड़ पर एक भूत रहता है। इस पर स्वामी जी ने कहा कि मैं इस पेड़ पर रात भर बैठूंगा और देखूंगा कि इस पर कौन भूत रहता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि स्वामी जी का स्पष्ट मानना था कि धर्म का प्रचार प्रसार करने के लिए मौलिक शिक्षा जरूरी है। जहां वह जाते थे, वहां कुछ न कुछ प्रभाव जरूर छोड़ते थे। कई महापुरूष उनसे प्रभावित हुए। 100 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्ष उनके चेले थे, क्योंकि उनके मन में शान्ति नहीं थी।
कार्यक्रम संयोजक और अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय संयोजक मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एवं महर्षि महेश योगी इस धरती पर एक महान हस्ती के रूप में हमेशा याद किये जायेंगे।
इन वरिष्ठ नागरिकों का हुआ सम्मान
इस अवसर पर कायस्थ समाज के वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान भी किया गया। जिसमें सर्वेश अस्थाना, सूरज श्रीवास्तव, राजेश बच्चा, मनोज श्रीवास्तव, कमेलश श्रीवास्तव, संजीव सिन्हा, प्रवीण श्रीवास्तव, अशोक निगम, जयपाल सिंह मैथिली शरण श्रीवास्तव, सुनील शुक्ला को दिया गया।