हज सब्सिडी की होगी समीक्षा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने छह एक्सपर्ट्स की एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी यह पता लगाएगी कि मुस्लिम हज यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी व्यावहारिक और असरदार है या नहीं? गौरतलब है कि 2012 में सुर्पीम कोर्ट ने इस र्पथा को बंद करने के लिए कहा था। वहीं, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी हज सब्सिडी खत्म करने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि सब्सिडी के नाम पर 690 करोड़ रुपए बीमार एयरलाइन को दिए जाते हैं। इसका फायदा मुस्लिम तीर्थयात्रियों को नहीं मिलता है। ओवैसी ने कहा कि इस रकम को मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च किया जाए। उन्होंने कहा कि इस सब्सिडी को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि मुस्लिमों को अपनी धर्म यात्रा के लिए सरकार से मदद की जरूरत नहीं है। उन्होंने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की उस घोषणा का स्वागत किया, जिसमें कहा गया था कि भारत के सालाना हज कोटे में 34,500 का इजाफा करते हुए इसकी लिमिट 1-70 लाख कर दी गई है। उधर, जाने-माने गीतकार और पूर्व राज्य सभा सांसद जावेद अख्तर ने इस सब्सिडी को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि आखिरकार सरकार ने एक कमिटी बनाने का फैसला किया, जो हज सब्सिडी पर विचार करेगी। अगर इस सब्सिडी को पहले खत्म कर दिया जाता तो बेहतर होता।
पीके की रणनीति पर भौंचक कांग्रेसी
देहरादून। पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी कैंपेन के सूत्रधार और उत्तराखंड में ऐन विधानसभा चुनाव के वक्त एंट्री मारने वाले प्रशांत किशोर की टीम ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कान में जीत का मंत्र तो नहीं फूंका, अलबत्ता वह फार्मूला तलाशने की कोशिश जरूर की, जिसके बूते सफलता हासिल की जा सके। इसपर वहां के कांग्रेसी आश्चर्य चकित हैं। आश्चर्य यह है कि टीम पीके की तिकड़ी ने लिखित रूप से जीत के लिए तीन सुझाव मांगे तो अनौपचारिक रूप से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के तीन मुख्य मुद्दों और समस्याओं पर भी फीडबैक लिया। अब यह बात दीगर है कि फीडबैक देने वाले खुद नहीं समझ पा रहे थे कि जब प्रत्याशी चयन और घोषणापत्र की तैयारी अंतिम दौर में है, तब इस तरह के सवालों के मायने क्या हैं। लगता है चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम ने उत्तराखंड में दोबारा सत्ता पर कब्जा जमाए रखने की जिद्दोजहद में जुटी कांग्रेस के लिए तीन का टोटका तय किया है। हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में आना तो स्वयं पीके को था, मगर आई उनकी तीन सदस्यीय टीम। हालांकि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय स्वयं मौजूद रहे। कार्यक्रम पूरी तरह फोकस रहा इस बात पर कि टिकट बंटवारे के बाद पार्टी के भीतर कोई बवाल न हो। स्वयं मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष चुनावी दावेदारों और कार्यकर्ताओं को वफादारी की दुहाई देते दिख रहे हैं।
गोवा में पर्रिकर बने चेहरा
पणजी । गोवा में चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है। सभी राजनीतिक दल आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच पणजी पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं। ये चुनाव कई माएनों में अहम है। भाजपा की सहयोगी पार्टी रही महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी अब साथ छोड़ चुकी हैं, और शिवसेना के साथ गठबंधन कर भाजपा को चुनौती दे रही है। इसके पहले आरएसएस के कद्दावर नेता सुभाष वेलिंगकर के अलग होने के बाद भाजपा के सामने कुछ मुश्किलें भी है। लेकिन इन सभी दिक्कतों पर काबू पाने के लिए भाजपा मनोहर पर्रिकर को गोवा की सीएम बना सकती है, इस प्रकार के संकेत दिये जा रहे हैं। दिल्ली में केंर्दीय चुनाव समिति की बैठक में गोवा के लिए 29 उम्मीदवारों की सूची जारी का गई। सीईसी की बैठक के बाद गोवा के चुनाव प्रभारी नितिन गडकरी ने इस बात के संकेत दिए कि पार्टी को बहुमत मिलने पर अगर विधायकों की इच्छा होगी तो रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर राज्य के सीएम बनाए जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि मनोहर पर्रिकर गोवा की राजनीति में दोबारा जा सकते हैं। इस मुद्दे पर केंर्दीय नेतृत्व को भी किसी तरह की दिक्कत नहीं है। चुनाव प्रभारी नितिन गडकरी ने कहा कि विधायक दल का नेता चुने हुए विधायकों में से हो सकता है, या केंद्र से भी नेता भेजा जा सकता है।
बादल ने उठाया पंजाब का सवाल
चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जहां नशा मुक्ति में उलझे हैं वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पंजाब में शांति और भाईचारक सांझ के माहौल की रक्षा करते हुए कहते हैं यदि उनके प्राण भी चले जाएं तो वह इसे पंजाबियों के प्यार और सत्कार के एहसान चुकाने के लिए अपना सौभाग्य समझेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब शांति को आग लगती है तो आग लगाने वाले तो वहां से भाग जाते हैं, पर इसकी बड़ी कीमत अमन पसंद साधारण लोगों को चुकानी पड़ती है। माओं की गोद में हंसते-खेलते लाडले बेटी-बेटियां भरी जवानी में मां-बाप से बिछड़ जाते हैं, औरतों के सुहाग उजड़ जाते हैं, बहनों से भाई बिछड़ जाते हैं और बच्चे यतीम हो जाते हैं। पंजाब यह संताप भुगत चुका है और बड़ी कुर्बानियां देकर हासिल किए गए अमन व भाईचारक सांझ के माहौल को हर कीमत पर बुरी नजर से बचाकर रखने की आवश्यकता है। इसके साथ ही बादल ने पंजाबियों को उनके अस्तित्व व पहचान को नुक्सान पहुंचाने की गैर-पंजाबी साजिशों के विरुद्ध सचेत रहने पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा पंजाब के दुश्मनों को पता है कि केवल अकाली दल ही एक मजबूत क्षेत्रीय पार्टी है जो पंजाब के विरसे को पूरी तरह समर्पित है। इस पार्टी के होते हुए पंजाब और पंजाबियों के मजबूत अलग अस्तित्व को खतरा पैदा नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बारे हमें वे लोग लैक्चर दे रहे हैं जिन्होंने हरिमंदिर साहिब पर तोपें चलाईं और श्री अकाल तख्त साहिब को लहूलुहान किया। गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की। उन्होंने कहा कि अकाली दल शांति और लोकतांत्रिक तौर-तरीकों के र्पति पूरी तरह वचनबद्ध है। (हिफी)