एजेंसी।इंदौर:पीलीभीत से सांसद और भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता वरुण गांधी ने इशारों-इशारों में केंद्र की मोदी सरकार पर वार किया।उन्होंने उन मुद्दों को छुआ जिनको भाजपा की कमज़ोर नस माना जाता है।यूँ तो श्री वरुण गांधी उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में नदारद हैं परंतु अपने बयान के ज़रिये एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में वो सुर्ख़ियों में आ गए है।उन्हें उप्र विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की स्टार प्रचारकों की पहली सूची में नही रखा गया और दूसरी लिस्ट में भी उनका नंबर सबसे आखिर में आया।सात में से चार चरणों में प्रचार अभियान पूरा हो चुका है लेकिन वरुण कहीं भी सभा करते नजर नहीं आए।
मंगलवार को इंदौर में एक स्कूल में ‘विचार नए भारत का’ विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने पिछले साल हैदराबाद में दलित पीएचडी छात्र रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी के मामले में कहा की रोहित द्वारा लिखी चिट्ठी पढ़के उनको रोना आ गया।उस चिट्ठी में रोहित ने लिखा था की वो अपनी जान इसलिए दे रहा है क्योंकि उसने उस रूप में जन्म लेने का पाप किया है।गौरतलब है कि वेमुला की खुदकुशी के लिए विपक्ष दलों ने मोदी सरकार के मंत्रियों को जिम्मेदार बताया था।
वरुण ने देश में फैली आर्थिक असमानता और कर्ज वसूली में भेदभाव को लेकर भी बयान बाज़ी की।श्री वरुण ने कहा कि देश के अद्धिकत्तर किसान चंद हजार रुपये का कर्ज न चुका पाने के चलते जान दे देते हैं,लेकिन बड़े उद्योगपति विजय माल्या पर सैकड़ों करोड़ रुपये का कर्ज बकाया होने के बावजूद वह एक नोटिस मिलने पर देश छोड़कर भाग गया।उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा भारत के बड़े औद्योगिक घरानों पर बकाया क़र्ज़ माफ करने पर अपनी कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अमीरों को रियायत व राहत दी जा रही है,जबकि गरीबों की थोड़ी सी संपत्ति को भी निचोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।यही नही उन्होंने सरकार द्वारा जारी किये गए जीडीपी विकास दर के आंकड़ों पर भी सवाल खड़े किये और कहा की देश की तरक्की का ये वास्तविक पैमाना नही है।अपने वक्तव्य में सांसद वरुण गाँधी ने कहा की इस प्रकार की जीडीपी विकास दर से स्वास्थ्य, अशिक्षा और महिलाओं की बेगारी की बुनियादी समस्याओं का हल नहीं मिलता है।