देश के 589 ग्रामीण जिलों के 15,630 सरकारी स्कूलों तथा 3 से 16 आयु वर्ग के 562,305 बच्चों पर किये गये सर्वेक्षण के आधार पर प्रकाशित एन्युअल स्टेट्टस आॅफ़ एजुकेशन रिपोर्ट 2016 बताती है कि देश के सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 के 57.5 प्रतिशत बच्चे कक्षा 1 स्तर का पाठ नहीं पढ़ सके, 72.3 प्रतिशत बच्चे दो अंकों वाले घटाव के सवाल को हल नहीं कर सके और 68.00 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी के सामान्य शब्द नहीं पढ़ सके। इसी रिपोर्ट के अनुसार कक्षा 5 के 74.00 प्रतिशत बच्चे साधारण भाग के सवाल हल नहीं कर सके। रिपोर्ट बताती है कि कक्षा 8 के 56.7 प्रतिशत बच्चे 3 अंक का 1 अंक से भाग वाले सवाल को हल नहीं कर सके, 26.9 प्रतिशत बच्चे कक्षा 2 के स्तर का पाठ नहीं पढ़ सके और 54.8 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी के सामान्य वाक्य नहीं पढ़ सके।
वास्तव में यह रिपोर्ट ग्रामीण भारत की प्राथमिक शिक्षा पर अत्यन्त ही चिंताजनक और झकझोरने वाली तस्वीर पेश करती है जबकि प्राथमिक शिक्षा ही किसी व्यक्ति के जीवन की वह नींव होती है, जिस पर उसके संपूर्ण जीवन का भविष्य तय होता है। यूनेस्को की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भी भारत में बच्चों को शिक्षा की उपलब्धता आसान हुई है। लेकिन गुणवत्ता का सवाल ज्यों का त्यों बना हुआ है और स्कूल जाने वाले बच्चे भी बुनियादी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
-अजय कुमार श्रीवास्तव
एम.ए. (राजनीति विज्ञान एवं समाज शास्त्र