स्वप्निल संसार।लखनऊ:चौथे चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फतेहपुर में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सपा आज हताशा की स्थिति में है।रविवार को मतदान के दिन अखिलेश यादव का चेहरा लटका हुआ था व उनकी आवाज में दम नहीं था।ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो जैसे वो चुनावी बाज़ी हार चुके हों।पीएम मोदी ने सपा के ‘काम बोलता है’ नारे पर भी व्यंग किया।उन्होंने जनता को गायत्री प्रजापति मामले का उल्लेख करते हुए भाषण दिया और कहा कि इस देश के उच्चतम न्यायालय को उत्तर प्रदेश की सरकार को डांटना पड़ रहा है कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ एफआईआर लिखो।उन्होंने उपस्थित जनता से प्रश्न किये कि यदि न्याय पाने के लिए बहु बेटी को सुप्रीम कोर्ट पहुंचना पड़े तो क्या ये ही काम है?क्या ऐसे काम करने के लिए सपा सरकार बनाई गई थी?ये काम है कि कारनामा?
प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को फतेहपुर की विजय शंखनाद रैली में सूबे की समाजवादी पार्टी द्वारा सरकारी धन खर्च करके विज्ञापनों के ज़रिये चुनाव जीतने की रणनीति को प्रदेश की जनता की आँख में धूल झोंकने का प्रयास भर बताया है।श्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि सपा सरकार ने सोचा था कि टीवी व अखबारों के माध्यम से वो लोगों की आंख में धूल झोंकने में कामयाब हो जायेंगे लेकिन जनता सब कुछ जानती है।सपा सरकार की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारी प्रचार करने वालों को लगा पांच साल बीत गए है और जनता का विश्वास टूट गया है।सपा के साथ-साथ उसकी गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस पार्टी पर भी प्रधानमंत्री ने हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगों को पुरखों के नाम का सहारा लेना पड़ रहा है।उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने ’27 साल यूपी बेहाल’ का नारा दिया था जब उन्होंने ग्रामीण इलाकों में दौरा किया तो पाया कि ज़मीन पर उनके द्वारा किया जा रहा प्रयास विफल हो रहा है।श्री नरेंद्र मोदी ने सपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर इशारा करते हुए वक्तव्य दिया कि ऐसी स्थिति में दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा ताकि चुनाव में डूबने से बच जाएं।प्रधानमंत्री ने अखिलेश व राहुल द्वारा पहले दिन की चुनावी रथ यात्रा का विवरण देते हुए प्रदेश की खस्ता हाल बिजली व्यवस्था पर चोट की।उन्होंने बयान दिया कि जब दोनों रथ पर निकले तो रास्तों पर तार मिले और तारों के बीच में कांग्रेस उपाध्यक्ष डर रहे थे। राहुल गाँधी झुक रहे थे लेकिन अखिलेश जी नहीं डर रहे थे क्योंकि उन्हें पता था कि तार तो है लें उनमे बिजली नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार के दिन छत्रपति शिवाजी की जयंती पर उनको याद करते हुए कहा कि वो सदियों से प्रेरणास्रोत रहे हैं।अब दूसरा शिवाजी पैदा नहीं होगा।