कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अध्यक्ष के नेतृत्व में 20 सदस्यीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल 28 से 30 जनवरी, 2017 तक ईरान के दौरे पर रहा। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य चावल के निर्यात को बढ़ावा देना रहा,क्योंकि ईरान भारत से बासमती चावल के सबसे बड़े आयातकों में से एक है।
तेहरान के होटल एसपिनास पैलेस में आयोजित किए गए बिक्री संवर्धन कार्यक्रम में लगभग 250 लोगों ने भाग लिया। ईरान के शेफ द्वारा भारतीय चावल का उपयोग करते हुए मौके पर ही यानी उसी स्थान पर तैयार किए गए ईरानी व्यंजनों को दोपहर के भोजन के दौरान पेश किया गया। प्रतिभागियों में लगभग 30 मीडिया कर्मी, आयातक, निरीक्षण एजेंसियां और खाद्य एवं औषधि संगठन (एफडीओ), इत्यादि के सरकारी अधिकारीगण शामिल थे। इस दौरान लगभग साढ़े तीन मिनट की अवधि की फिल्म दिखाई गई जिसमें बासमती की खेती, प्रसंस्करण, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र किए जाने और भारतीय चावल के जीएमओ मुक्त होने के आश्वासन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया।प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने ईरान की सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मुलाकात की जिनमें खाद्य एवं औषधि संगठन, सरकारी व्यापार निगम और व्यापार संवर्धन संगठन भी शामिल हैं। ईरान की सरकार जल्द ही चावल के आयात के लिए फिर से परमिट जारी करने के बारे में अधिसूचना जारी कर सकती है। लगभग 2 मिलियन मीट्रिक टन के घरेलू उत्पादन के पूरक के तौर पर ईरान हर साल लगभग 1 मिलियन यानी 10 लाख मीट्रिक टन चावल का आयात करता है जिसमें से लगभग 7 लाख मीट्रिक टन चावल का आयात भारत से किया जाता है।(PIB)