एजेंसी।नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और अमेठी सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मे अपनी किस्मत आज़मा रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं।शुक्रवार को उच्तम न्यायालय ने गायत्री प्रजापति के विरुद्ध बलात्कार के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश सुना दिया है।उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उनपर एफआईआर दर्ज होना अब लगभग तय हो गया है।ये मामला एक महिला के यौन शोषण से जुड़ा हुआ है।गत वर्ष एक महिला ने गायत्री प्रजापति पर आरोप लगाया था की उन्होंने काफी लंबे समय तक उसका यौन शोषण किया।महिला का कहना था कि वो गायत्री प्रजापति से लगभग 3 वर्ष पहले मिली थी। उस समय मंत्री रहे गायत्री प्रजापाती ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ बलात्कार किया और उसकी आपत्तीजनक तसवीरें भी ले ली।साथ ही उसका कहना था की उसकी आपत्तिजनक तस्वीरों को माध्यम बनाकर प्रजापति उसे ब्लैकमेल करते रहे व उसका बार बार बलात्कार करते रहे।
परंतु यह ऐसा पहली बार नही हुआ है जब गायत्री प्रजापति विवादों में घिरे हो।कुछ समय पूर्व समाजवादी पार्टी में मची तकरार के पीछे भी गायत्री की भूमिका देखने में आई थी।दरअसल अखिलेश सरकार में मंत्री रहते खनन विभाग में हुए घोटालों के आरोप में सीबीआई का शिकंजा कसने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था।हालांकि पिता मुलायम यादव के दबाव के चलते गायत्री प्रजापति की मंत्रिमंडल में दोबारा वापसी हुई थी।यही नही अभी कुछ दिन पहले ही आचार संहिता उल्लंघन का मामला भी देखने को मिला जब कानपुर से अमेठी ले जाई जा रही 4000 साड़ियों की एक खेप को उत्तर प्रदेश पुलिस ने पकड़ा।बिल पर भी गायत्री प्रजापति का नाम था और इस मामले में केस दर्ज हुआ है।