लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रांतीय पुलिस सेवा पीपीएस अफसरों की कुल संख्या 924 है। इसके विपरीत अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में मार्च 2012 से मार्च 2017 के 05 साल की अवधि में उत्तर प्रदेश में कुल 3921 पीपीएस अधिकारियों के तबादले हुए थे। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार समाजवादी पार्टी की सरकार के पहले ही वर्ष 1199 पीपीएस अफसरों के तबादले हुए थे। आईजी प्रशासन उत्तर प्रदेश प्रकाश डी द्वारा नूतन ठाकुर को 21 मार्च 2017 को भेजी गयी 524 पृष्ठों की सूचना के अनुसार इस दौरान शासन ने 480 मामलों में अपना ही तबादला आदेश निरस्त या संशोधित किया। इनमे 123 आदेश निरस्त किये गए जबकि 357 आदेश संशोधित हुए थे। आरटीआई सूचना के अनुसार 04 बार शासन के एक ही आदेश द्वारा सौ से अधिक पीपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया। इसके अलावा 04 अन्य अवसरों पर 50 से अधिक पीपीएस अधिकारियों का तबादला एक ही आदेश पर हुआ। अखिलेश यादव के 15 मार्च 2012 को मुख्यमंत्री बनने के बाद 27 मार्च को 120, 01 अप्रैल को 153ए 07 अप्रैल को 110 और 16 अक्टूबर 2012 को 121 पीपीएस अफसरों के तबादले एक ही आदेश पर हुए थे। विधान सभा चुनाव के समय पुलिस अधिकारियों को बहुत राहत थी और विधान सभा चुनाव 2017 में चुनाव आयोग के निर्देशों पर मात्र 08 पीपीएस अफसरों का तबादला किया गया। सपा सरकार बनने के बाद पहला तबादला 17 मार्च 2012 को बी पी अशोक का एसपी सिटी मेरठ से आरटीसी चुनार हुआ था जबकि उस सरकार में पीपीएस अफसरों का अंतिम तबादला 25 दिसंबर 2016 को 25 अफसरों का हुआ था। नूतन ठाकुर के अनुसार इन भारी तबादलों का परिणाम यह रहा कि इस 05 वर्ष की अवधि में औसतन 02 पीपीएस अफसर प्रति दिन की दर से तबादला हुए जो औसतन 4.25 तबादला प्रति पीपीएस अफसर रहा।