लखनऊ,। 5-कालिदास मार्ग यानी यूपी के मुख्यमंत्री का सरकारी आवास। पांच दिन पहले तक यहां अखिलेश यादव रहते थे। अब नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह बंगला बतौर मुख्यमंत्री आवंटित हुआ तो उन्होंने गृह प्रवेश करने से पहले बंगले का शुद्धिकरण कराया। वह भी विधि-विधान के साथ। योगी ने गोरखपुर से अपने विश्वस्त पुजारियों को बुलाकर सोमवार की सुबह से बंगले में धार्मिक अनुष्ठान कराए। बंगले को रोली और गंगाजल से शुद्ध किया गया। बंगले के मुख्य प्रवेश द्वार समेत समस्त दरवाजों पर रोली से स्वास्तिक और ओम के चिह्न बनाए गए। बाद में हवन भी हुआ। दरअसल, गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर महंत आदित्यनाथ का जीवन बेहद संयमित हैं और कड़े नियम-कायदों में बंधा है। योगी रोजाना ब्रह्म मुहुर्त में उठकर स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद गो-सेवा और फिर स्वाध्याय में लीन रहते हैं। दस बजे से योगी सामाजिक जिम्मेदारियों से जुड़ जाते हैं और देर शाम तक यह सिलसिला अनवरत चलता है। योगी का भोजन भी बेहद सादा और सात्विक रहता है। इसी कारण योगी ने सरकारी बंगले में प्रवेश करने से पहले शुद्धिकरण कराना उचित समझा। गौरतलब है कि अखिलेश यादव इस बंगले में परिवार के साथ रहते थे और उन्हें शाकाहारी-मांसाहारी भोजन से परहेज नहीं था। बंगले को शुद्ध कराने के लिए योगी आदित्यनाथ ने स्थानीय पुजारियों को बुलाने के बजाय गोरखपुर से अपने विश्वस्त पुजारियों को बुलाया। वहां से पंडित रामानुज त्रिपाठी छह सहयोगियों को लेकर सोमवार की सुबह लखनऊ पहुंचे। करीब 10 बजे 5 कालिदास मार्ग में अनुष्ठान प्रारंभ हुआ,जोकि दोपहर बाद समाप्त हुआ। पंडितों ने बताया कि पूजन सामाग्री भी गोरखपुर से लेकर आए हैं। योगी रोजाना सुबह एक-डेढ़ घंटे गायों की सेवा करते हैं, इसलिए सरकारी बंगले में गोशाला बनाने का आदेश दिया गया है। बंगले के पीछे की ओर गायों के लिए व्यवस्था होगी। गोशाला के अतिरिक्त बंगले में एक मंदिर भी बनाया जाएगा, जहां योगी आदित्यनाथ रोजाना स्वाध्याय एवं पूजन करेंगे।