एजेंसी।नई दिल्ली:सोमवार को उच्चतम न्यायालय में पूर्व BCCI अध्यक्ष पेश हुए और फिर से बिना किसी शर्त के उन्होंने माफी मांगी।लेकिन न्यायालय ने अभी माफी नहीं दी और अगली सुनवाई की तारिख 17 अप्रैल दी है।न्यायालय ने अनुराग ठाकुर को 17 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की ही छूट दी।इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि अगर उच्चतम न्यायालय को लगता है कि उन्होंने कोर्ट के आदेशों में बाधा पहुंचाने की कोशिश की तो वो बिना शर्त और साफ तौर पर मांगी मांगते हैं।सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को क्षीण करने का कभी उनका उद्देश्य नहीं रहा।वो कम उम्र में ही पब्लिक लाइफ में आ गए थे और तीन बार से संसद के सदस्य रहे हैं। उनके मन में सुप्रीम कोर्ट के प्रति उच्च सम्मान रखते हैं।उन्होंने ना तो कोई झूठा हलफनामा दाखिल किया और ना ही वो किसी तरह से कोर्ट के आदेशों में दखल देना चाहते थे।उन्होंने सिर्फ ICC के चेयमैन शशांक मनोहर से दुबई में इस मुद्दे पर सिर्फ उनका पक्ष पूछा था क्योंकि BCCI का चेयरमैन रहते वक्त उनकी यही राय थी।
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने से पहले 2015 में केपटाउन में शशांक मनोहर ने खुद जवाब का ड्राफ्ट कराया था और कहा था कि इस जवाब में कोई दिक्कत नहीं है।दरअसल 2 जनवरी को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर अड़ियल रुख अपनाए बीसीसीआई के खिलाफ तीखे तेवर अपनाते हुए कोर्ट ने ठाकुर को पद से हटाने के साथ साथ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था तथा उनसे पूछा गया था कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला क्यों न चलाया जाए? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर आरोप साबित हुए तो ठाकुर को जेल भी जाना पड़ सकता है।