लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह 27 मार्च को होगा। सुबह 11.30 बजे शुरु होने वाले समारोह में विश्वविद्यालय के पहले बैच के छात्र-छात्राओं को मेडल और डिग्री वितरित की जाएंगी। इसमें दी जाने वाली डिग्री तीन भाषाओं में लिखी होगी। भारत सरकार के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री एएल लहरी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। सबसे खास बात यह है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के नाम पर मेडल स्थापित किया गया है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना प्रदेश सरकार ने वर्ष 2009 में की थी। इसका पहला शैक्षिक सत्र जुलाई 2013 में प्रारम्भ हुआ। लिहाजा स्नातक का पहला बैच शैक्षिक सत्र 2015-2016 में निकाला। लखनऊ यूनिवर्सिटी के पैटर्न पर ही अरबी फारसी यूनिवर्सिटी भी मेडल की शुरुआत करने जा रही है। इसके तहत यूनिवर्सिटी ने नोटिफिकेशन जारी किया है कि अगर दीक्षांत में कोई अपने नाम से मेडल देना चाहता है तो वह इसके लिए आवेदन कर सकता है। प्रत्येक मेडल के लिए यूनिवर्सिटी ने पांच लाख रुपये वित्ताधिकारी के नाम पर प्रस्ताव के साथ देना होगा। बीए अरबी के इकरार हुसैन को ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती गोल्ड मेडल दिया जाएगा। इकरार के बीए में 94.5 अंक है। वहीं बीसीए की निदा खान को 90.4 प्रतिशत अंक लाने पर चांसलर मेडल से सम्मानित किय जाएगा। इसके अलावा एमबी अरबी के ही मोहम्मद हारून को 88.7 प्रतिशत अंक लाने पर वाइस चांसलर मेडल के लिए चयनित किया गया है। समारोह में कुल दस मेडल दिए जाएंगे। इसमें तीन मेडल वीसी, यूनिवर्सिटी और चांसलर है। इसके अलावा चार गोल्ड मेडल यूजी और तीन गोल्ड मेडल पीजी में दिए जाएंगे।