स्वप्निल संसार।लखनऊ:उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों में राजनैतिक दलों का अपराधियों और करोड़पितयों से प्रेम कम होने का नाम ही नही ले रहा है।छठे चरण में पूर्वांचल के सात ज़िलों में होने वाले मतदान की 49 सीटों पर बड़ी तादाद में राजनैतिक दलों ने आपराधिक छवि व रिकार्ड रखने वाले प्रत्याशियों को टिकट बाँट कर चुनावी मैदान में उतारा है।इस चरण में विभिन्न राजनैतिक दलों से जहाँ 20 प्रतिशत अपराधी उतरे है तो वही २५ फीसदी करोड़पति चुनाव में अपनी किस्मत आज़मा रहे है।अभी तक हुए पांच चरणों के चुनावों को देखें तो यह औसत ज़्यादा है।अपराधियों को टिकट देने की बात की जाये तो इस चरण में बहुजन समाज पार्टी 49 फीसदी के साथ सबसे आगे है जबकि भाजपा 40 फीसदी के साथ दूसरे पायदान पर है।छठे चरण में 38 फीसदी दागी सपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे है तो 30 फीसदी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
इस चरण में चुनाव लड़ रहे 17 प्रतिशत उम्मीदवारों पर हत्या,हत्या के प्रयास,अपहरण और महिला हिंसा जैसे गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं।सबसे अधिक 73 फीसदी करोड़पति प्रत्याशी भाजपा से है।बसपा ने 71 फीसदी तो सपा ने 70 फीसदी करोड़पतियों को मैदान में उतारा है। छठे चरण के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति १.५९ करोड़ रुपये है। इस चरण में भी महिला प्रत्याशियों की संख्या कम है।छठे चरण में महज 09 फीसदी महिला प्रत्याशी मैदान में हैं।
छठे चरण में सात जिलों आजमगढ़, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और मऊ की 49 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है।उत्तर प्रदेश विधनासभा के छठे चरण के प्रत्याशियों के आपराधिक, आर्थिक व शैक्षणिक रिकार्ड की विस्तृत समीक्षा के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटक रिफार्म (एडीआऱ) व यूपी इलेक्शन वॉच ने जो रिपोर्ट जारी की है उसके मुताबिक बड़े पैमाने पर बाहुबल व धनबल का प्रयोग इस बार भी चुनाव में देखने को मिला है।एडीआर ने छठे चरण में नामांकन करने वाले सभी ६३५ प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करते समय दिए गए शपथपत्रों के आकलन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है।एडीआर की रिपोर्ट जारी करते हुए प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य डॉ अजय प्रकाश व समन्वयक अनिल शर्मा ने बताया कि गंभीर अपराधियों को टिकट देने के मामले में बसपा सबसे आगे है तो करोड़पतियों को टिकट देने के मामले में भाजपा प्रथम स्थान पर रही है।हालांकि बसपा व सपा भी इस होड़ में उससे ज्यादा पीछे नही हैं।