आयरलैंड में पीएचडी कर रहे भारतीय छात्र का कहना है कि उसे अपने गाइड की गलत बातों का विरोध करने की सजा मिल रही है। लखनऊ के रहने वाले आईआईटी कानपुर के बीटेक गोकरण शुक्ला आयरलैंड के शहर डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज में डॉ. स्तेफानो संवितोस के मार्गदर्शन में फिजिक्स में टनेलिंग मैग्नेटो रेजिस्टेंस (टीएमआर) विषय पर पीएचडी कर रहे हैं, जहां वे जिरकोनियम ऑक्साइड, कैल्शियम नाइट्राइड, एल्युमीनियम नाइट्राइड जैसी वस्तुओं पर असर का अध्ययन कर रहे हैं।
20 मार्च 2017 को उन्होंने यूपी कैडर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर से फोन पर संपर्क कर कहा कि उनके गाइड डॉ संवितोस ने उनके अध्ययन हेतु पूरी तरह फर्जी मॉडल सामने रखा है जो पूरे अकादमिक संसार के साथ धोखा है, जिसका शुक्ला ने खुला विरोध किया।
शुक्ला के अनुसार डॉ संवितोस इस बात से इस कदर खफा हो गए हैं कि उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्हें पैरानॉयड घोषित करा कर डबलिन के संत विन्सेंट अस्पताल के मनोविज्ञान विभाग में भर्ती करा दिया है, जहां वे बंधक अवस्था में रखे जा रहे हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है
उनका कहना था कि वे किसी प्रकार से मनोरोगी नहीं हैं और किसी भी भौतिकी विशेषज्ञ के सामने अपनी बात स्थापित कर सकते हैं। ठाकुर ने आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और आयरलैंड में भारतीय एम्बेसी को इन तथ्यों से अवगत कराते हुए इन्हें सत्यापित कराए जाने और आवश्यकतानुसार शुक्ला को विधिक और मानवीय आधार पर सहायता किए जाने के लिए अनुरोध किया है।
