जयंती पर विशेष
भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं जो आज हमारे बीच नहीं है। उनकी प्रतिभा, लगन और उनका समस्त विश्व को दिया योगदान सदा अविस्मरणीय रहेगा । कल्पना को वचपन से ही पढऩे तथा हवाई करतब मे रुचि थी । कल्पना विभिन्न किस्म के विमानों की के प्रमाणित उड़ान निदेशक का लाइसेंस था । कल्पना यिभिन्न किस्म के विमानो की कॉमर्शियल पॉयलट थीं ।
जन्म स्थान व शिक्षा:
भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री होने का गौरव हासिल करने वाली कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल जिले में 17 मार्च को 1961 को व्यापारी परिवार में हुआ था । कल्पना ने स्कूल शिक्षा करनाल के टैगोर स्कूल से प्राप्त की थी। पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद कल्पना चावला ने 1984 में टेकसास से इंजनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कोलोराडो से पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। कल्पना 1988 में नासा में शामिल हुईं । यहां रहकर उन्होंने कई शोध किये।
कार्य:
कल्पना चावला ने अमेरिका के एम्स में फ्यूड डायनामिक पर काम शुरू किया । एम्स मे सफलतापूर्वक काम करने के बाद कल्पना चावला ने 1993 में केलिफोर्निया की ओवरसेट मैथडस इन कारपोरेशन मे उपाध्यक्ष और रिसर्च वैज्ञानिक के रूप में काम शुरू किया। कल्पना चावला मार्च 1995 में पन्द्रहवें अंतरिक्ष समूह से जुड गयीं। एक वर्ष के प्रशिक्षण और मूल्यांकन के बाद सुश्री कल्पना को रोबोटिक्स , अंतरिक्ष में विचरण से जुड़े तकनीकी विषयों पर काम करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी। कल्पना को एस्ट्रानॉट आफिस/रोबोटिक्स एवं कम्प्यूटर ब्रांच के लिए तकनीकी मुद्दों का दायित्व तथा 1996 नवम्बर में उन्हें मिशन स्पेशलिस्ट का भार सौंपा गया। 19 नवम्बर से 5 दिसम्बर 1997 तक वे एम.टी.एस 87 पर प्राइम रोबोटिक आर्म ऑपरेटर रही। इसका उद्देश्य भारहीनता का अध्ययन करना था।
लक्ष्य:
पांच साल के अंतराल के बाद कल्पना चावला दूसरी बार अंतरिक्ष मिशन पर गयीं । 16 जनवरी को अंतरिक्ष मिशन पर गये कोलंबिया यान ने अतरिक्ष में 80 शोध पूरे कर लिए थे। उक्त शोध मानव अंगो, शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास तथा गुरुत्वाकर्षण विहीन अवस्था में विभिन्न कीट-कीटाणुओं की स्थिति के अध्ययन हेतु किये गये थे। इस यान में कल्पना चावला के साथ मिशन के प्रमुख रिक हस्बैंड, पायलट विली मैकूल, अभियान विशेषज्ञ डेव ब्राऊन, एक अन्य महिला अंतरिक्ष यात्री लौरल क्लार्क, पेलोड कमांडर माइक एंडरसन और पेलोड विशेषज्ञ इलान रैमोन सवार थे। कोलंबिया का यह 28 वां अभियान था। परिक्रमा के दौरान पृथ्वी से 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे इस यान की गति 17 हजार 500 मील प्रति घटा थी।
मुत्यु:
सोलह दिन के अंतरिक्ष अभियान से लौट रहा अमरीकी अंतरिक्ष यान कोलंबिया में 1 फरवरी 2003 की शाम धरती से 63 किलोमीटर की ऊंचाई पर धमाके के साथ टूटकर बिखर गया । यान में सवार कल्पना सहित सभी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गयी । उस समय यान की गति 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी । यान का मलबा अमरीका के टेक्सास शहर में गिरा। एजेंसी
