इलाहाबाद,। यूपी में बीजेपी की सरकार और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इलाहाबाद के दो बड़े बूचडख़ाने सोमवार को नगर निगम ने सील कर दिये। इलाहाबाद के अटाला और नैनी स्थित स्लाटर हाउस को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद कार्रवाई की गयी है। यह आदेश एनजीटी ने पहले ही दे रखा था। बीजेपी ने भी अपने चुनावी वादे में कहा था कि हमारी सरकार बनने के बाद सबसे पहले सूबे के बूचडख़ाने बंद किये जाएंगे। सरकार बनते ही नगर निगम के अधिकारियों ने एनजीटी के रुके हुए आदेश का पालन किया और रातों-रात ही स्लाटर हाउस बंद करा दिये। ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट में इलाहाबाद के स्लाटर हाउस में हाईटेक सुविधा न होने की बात कहकर इसे बंद करने का आदेश दिया गया था। छह माह पहले नगर निगम ने अटाला स्थित बूचडख़ाने में ताला भी जड़ दिया था, पर कार्रवाई होते ही मांस का कारोबार करने वाले सड़क पर उतर आए थे। आरोप है कि तब सपा विधायक के दबाव में स्लाटर हाउस खोल दिया गया। उसके बाद से लेकर अब तक वहां कारोबार चल रहा था। सवाल यह भी उठता है कि जब पहले ही बंद कर दिये गए थे तो स्लाटर हाउस में काम कैसे चल रहा था। हालांकि इस बार भी उसमें काम करने वाले नाराज हैं, पर तब सरकार दूसरी थी और अब दूसरी है। बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि सरकार बनते ही रातों-रात अवैध बूचडख़ानों को बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही नगर निगम प्रशासन हरकत में आया और रातों-रात अटाला पहुंचकर वहां स्लाटर हाउसम में ताला जड़ दिया। इसके अलावा नैनी के स्लाटर हाउस को भी बंद कर दिया गया। नगर निगम के पशुधन अधिकारी और स्लॉटर हाउस इंचार्ज डॉ. धीरज गोयल ने बताया कि स्लाटर हाउस सपा सरकार में 2016 के मई महीने में एक बार पहले भी बंद किये गए थे। इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर विरोधी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। वही विपक्षी पार्टियों ने अब अमित शाह के बूचडख़ाने के बंद होने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कटाक्ष ये मायावी लोग है। कांग्रेस नेता अभय अवस्थी का कहना है की बूचडख़ाने को बंद करवाना गलत है, क्योंकि हिन्दू भी इसका सेवन करते हैं।