बाराबंकी। क्षेत्र के बभनाबारी गांव के पास शनिवार की सुबह एक प्रेमी युगल के शव रेल ट्रैक पर पड़े मिले। पुलिस इसे आत्महत्या का मामला बता रही है। लेकिन ग्रामीण दोनों की हत्या करने की भी आशंका जता रहे हैं। दरियाबाद थाना क्षेत्र की बभनाबारी गांव के पास हुई इस घटना के बाद पुलिस ने मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज जांच शुरू की है।
दरियाबाद क्षेत्र के बभनाबारी गांव के पास शनिवार की सुबह रेल लाइन पर सुबह ग्रामीणों ने एक युवक व युवती के शव को एक साथ पड़े देखा। दोनों के शव देखते ही गांव के लोगों की भारी भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई।
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को रेल लाइन से हटवाया और पूछताछ शुरू की। जिसमें मृतकों में युवती की पहचान बभनारी गांव की निवासी अर्चना वर्मा (18) पुत्री लालप्रताप के रूप में हुई। वहीं युवक रविचन्द्र रावत (21) पुत्र फूलचन्द्र निवासी ग्राम रोहिलानगर का निकला।
मौके पर पहुंचे मृतक युवक के पिता फूलचन्द्र ने बताया कि उनका बेटा प्रतिदिन की तरह शुक्रवार की सुबह दुकान खोलने आया था। लेकिन शाम तक घर वापस नहीं गया। देर रात तक तलाश की गई थी। लेकिन कुछ पता नही चला। शनिवार की सुबह जब घटना के बारे में सूचना मिली तो जानकारी हुई।
थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि युवक व युवती के बीच प्रेम प्रसंग था। इनमें युवक दलित है। जबकि युवती वर्मा बिरादरी से है। जिसके चलते इनके परिवारीजनों ने विवाह करने से मना कर दिया था। युवक की मोबाइल की दुकान युवती के गांव में थी जहां से ही इन दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग हुआ था। एसओ ने कहा, मामला आत्महत्या का लग रहा है। फिर भी पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण पता लगने पर आगे की कार्रवाई होगी।
रेल ट्रैक पर मिले प्रेमी युगल की हत्या की आशंका जताई जा रही है। युवक व युवती के हाथ एक-दूसरे के सर के पास रखे थे व गर्दन कटी मिली है इसके अलावा मौके पर कई अन्य बातें भी इसे हत्या की वारदात होने की ओर इशारा कर रही हैं।
हालांकि पुलिस की जांच के बाद ही इन सभी बातों का पता लग सकेगा। घटना की जानकारी पर एसपी वैभव कृष्ण, एएसपी शफीक अहमद, एसओ जितेंद्र सिंह ने मौके पर पहुंच कर जानकारी प्राप्त की व एसपी ने पुलिस को आवश्यक निर्देश दिए।
बताते हैं कि इन तीनों की मौत शुक्रवार की देर रात हुई है। पूरी रात में यहां से करीब आधा दर्जन ट्रेनें आती-जाती रहीं लेकिन रेल लाइन के बीच शव पड़े रहे और किसी को इसकी जानकारी नहीं हो सकी।
सुबह लखनऊ-फैजाबाद पैसेंजर ट्रेन आने से पहले जब ग्रामीण घरों से निकले तो इसकी जानकारी हुई। जिसके बाद पैसेंजर ट्रेन करीब आधा घंटे तक वहीं खड़ी रही। जिससे उसमें बैठे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।