उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण राज्य है और इसीलिए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अपनी पूरी ताकत भी झोंक दी थी। प्रदेश के केन्द्र में मंत्रियों के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उत्तर प्रदेश में भाजपा को सत्ता में पदारूढ़ करने के लिए अथक परिश्रम किया। उन्होंने अपनी राजनीतिक चतुराई से मुकाबले में शामिल सपा-कांग्रेस गठबंधन और बहुजन समाजपार्टी को इस तरह मुंहतोड़ जवाब दिये कि वे जनता को यह बताने में असमर्थ हो गये कि प्रदेश की सत्ता उन्हें क्यों सौंपी जाए। इन नेताओं ने तो प्रत्यक्ष रूप से चुनाव प्रचार कर जनता को भाजपा के प्रति आकर्षित किया था लेकिन भाजपा के कई ऐसे चेहरे भी हैं जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर पार्टी को प्रदेश की सत्ता में पहुंचाया है और भाजपा तीन सौ से ऊपर विधायक जुटाने में सफल हुई है। इनमें एक नाम पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुनील बंसल का भी है।
श्री सुनील बंसल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कैडर के नेता हैं और प्रचार-प्रसार से वह दूर रहते हैं। संघ की दीक्षा भी यही है कि अपने कर्तव्य को ईमानदारी और निष्ठा से करते रहो, यह मत देखो कि आपके कार्य की कोई तारीफ कर रहा है और निरंतर आगे बढ़ते रहो।
इस सच्चाई को कम ही लोग जानते होंगे कि भाजपा के लगभग एक दर्जन ऐसे चुनावी योद्धा हैं जो चुनाव तो नहीं लड़े और न चुनावी सभाएं कीं लेकिन पार्टी को विजयश्री दिलवाने में पर्दे के पीछे रहकर इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिसका आसानी से मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है। इनमें सबसे अहम नाम प्रदेश संगठन के महामंत्री सुनील बंसल का है। श्री सुनील बंसल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कैडर के नेता हैं और प्रचार-प्रसार से वह दूर रहते हैं। संघ की दीक्षा भी यही है कि अपने कर्तव्य को ईमानदारी और निष्ठा से करते रहो, यह मत देखो कि आपके कार्य की कोई तारीफ कर रहा है और निरंतर आगे बढ़ते रहो। श्री सुनील बंसल २०१४ में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रदेश प्रभारी हुआ करते थे। वह चुनाव भी प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण था विशेष रूप से तब, जब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी भी उत्तर प्रदेश के वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। उस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह चुनाव की कमान संभाल रहे थे। श्री अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली में बैठने लगे थे लेकिन श्री सुनील बंसल लोकसभा चुनाव के बाद से ही उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए मिशन-2017 को मुकम्मल अंजाम तक पहुंचने के लिए अनवरत प्रयास करते रहे। श्री सुनील बंसल ने लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए सक्रिय करने का कार्य किया। श्री बंसल जानते थे कि चुनाव जीतने के लिए कई स्तर पर प्रबंधन करना पड़ता है। इसके लिए सिर्फ मतदाताओं को ही पार्टी की नीति रीति से परिचित कराने की जरूरत नहीं रहती बल्कि मतदान के समय मतदाताओं को बूथ तक लाना और यह सुनिश्चित कर लेना कि सभी वोटरों के पास मतदाता पहचानपत्र है और उनके नाम भी मतदाता सूची में शामिल हैं अथवा नहीं इन सब बातों प्रबंध भी करना पड़ता है। पार्टी कार्यकर्ताओं के माध्यम से श्री सुनील बंसल ने यह समस्त कार्य उत्साहपूर्वक किये। इसी का नतीजा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में उम्मीद से कहीं ज्यादा विधायक जुटाने में सफल रही है। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक भाजपा के विधायकों की संख्या तीन सौ से ऊपर पहुंच चुकी थी जबकि पार्टी के नेता कहते थे कि भाजपा प्रदेश में तीन सौ सीटों पर विजय हासिल करेगी।
इस बार के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत सभी स्टार प्रचारकों की चुनाव सभाएं आयोजित करना और प्रत्याशियों की दिक्कतों को समझना उन्हें दूर करना आदि पर्दे के पीछे रहने वाले इन्हीं नेताओं का दायित्व था। भाजपा का एक नेटवर्क इस कार्य में भी लगा था जो विपक्षी नेताओं और प्रशासनिक अफसरों के आचार संहिता उल्लंघन के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं के उत्पीडऩ की शिकायतें भी लगातार चुनाव आयोग तक पहुंचाता था। भाजपा का एक सेल नवीनतम जानकारियां स्टार प्रचारकों को उपलब्ध कराता था। यही कारण रहा कि जैसे ही महाराष्ट्र और उड़ीसा में स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे पार्टी के पक्ष में आए तो उनका उल्लेख चुनाव सभाओं में श्री मोदी ने किया था। पार्टी का एक मीडिया मैनेजमेंट सेल भी था जिसने नेताओं के बयान और पार्टी की नीतियों को मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने में सराहनीय भूमिका अदा की।
इसी प्रकार पर्दे के पीछे काम करने वालों में प्रदेश प्रभारी ओम मापुर को भी नहीं भुलाया जा सकता। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी श्री ओम माथुर इस बार प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं। पहले वह लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर जिला संगठन प्रभारियों और जिला पदाधिकारियों के साथ बैठकर प्रत्येक विधानसभा सीट के बारे में आकलन करते रहे। पिछले चुनावों में वहां के मतदाताओं का क्या रूख रहा है और अब वहां की क्या समस्याएं हैं आदि-आदि पर बारीकी से ध्यान दिया। चुनाव नजदीक आते ही वह जिलों में स्वयं प्रवास करने लगे और वहां माइक्रो मैनेजमेंट के तहत हर विधानसभा सीट पर बूथ कमेटियों के साथ बैठकर अपने प्रत्याशी को विजय दिलाने का गुरूमंत्र दिया था। यह कार्य मामूली नहीं था जिसे श्री ओम माथुर ने सफलतापूर्वक निभाया।
इस चुनाव में सफलता के लिए विधानसभा क्षेत्र के प्रभारियों को भी श्रेय दिया जाना चाहिए। प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक बुंदेलखण्ड के प्रभारी थे और वहां पार्टी की चुनाव सभाओं से लेकर मतदाताओं तक संपर्क का कार्य किया। इसी प्रकार प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव पश्चिम क्षेत्र की चुनाव सभाओं के प्रभारी थे और वहां की सभी चुनाव सभाएं सफल रहीं। प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला, प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश त्रिवेदी, जेपीएस राठौर का भी महती योगदान रहा है। मीडिया मैनेजमेंट के लिए हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, मनीष दीक्षित व नवीन श्रीवास्तव को तैनात किया गया था, जिन्होंने अपने कार्य को सफलतापूर्वक निभाया है। इस प्रकार भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जो उल्लेखनीय सफलता पायी है उसमें पर्दे के पीछे कार्य करने वाले नेताओं को भी श्रेय दिया जाना चाहिए। (हिफी)