
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी कि विदेशों में कालाधन जमा करने वाले एचएचबीसी खाताधारकों की सूची जो स्वीट्जरलैंड और अन्य प्रक्रिया के माध्यम से मिली थी उसमें से 628 मामलों की जांच पूरी की जा चुकी है।
कुछ खातों में कोई रकम नहीं मिली है। इनमें से 409 खाताधारकों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इन खातों में करीब 8457 करोड़ रुपए का आंकलन किया गया है और 490 मुकदमें दर्ज कराए गए हैं। जेटली ने यह जानकारी सांसद राम जेठमलानी के सवाल के जवाब में दी। जेठमलानी के सवाल को लेकर राज्यसभा में हंगामा भी हुआ।
दरअसल कांग्रेस सदस्य एमवी राजीव गौड़ा ने विदेश में जमा कालेधन को देश में लाने और हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपए नहीं पहुंचने का सवाल उठाया था। जिस पर जेटली ने उत्तर दिया। जेठमलानी का सवाल इसी से जुड़ा था लिहाजा उत्तर से असंतुष्ट जेठमलानी ने जेटली पर टिप्पणी कर दी। इसे लेकर भाजपा सांसद और अन्य मंत्री उत्तेजित हो गए और जेठमलानी से माफी मांगने की मांग करने लगे। इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच टोकाटोकी शुरू हो गई।
सभापति हामिद अंसारी ने हस्तक्षेप कर असंसदीय शब्द को हटवा दिया। मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण ने भी नाराजगी जताई। सभापति ने कहा मंत्री ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते हैं। करीब दस मिनट तक सदन में जेठमलानी अपने प्रश्र के लिए खड़े रहे और टोकाटोकी जारी रही।
दरअसल कांग्रेस सदस्य एमवी राजीव गौड़ा ने विदेश में जमा कालेधन को देश में लाने और हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपए नहीं पहुंचने का सवाल उठाया था। जिस पर जेटली ने उत्तर दिया। जेठमलानी का सवाल इसी से जुड़ा था लिहाजा उत्तर से असंतुष्ट जेठमलानी ने जेटली पर टिप्पणी कर दी। इसे लेकर भाजपा सांसद और अन्य मंत्री उत्तेजित हो गए और जेठमलानी से माफी मांगने की मांग करने लगे। इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच टोकाटोकी शुरू हो गई।
सभापति हामिद अंसारी ने हस्तक्षेप कर असंसदीय शब्द को हटवा दिया। मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण ने भी नाराजगी जताई। सभापति ने कहा मंत्री ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते हैं। करीब दस मिनट तक सदन में जेठमलानी अपने प्रश्र के लिए खड़े रहे और टोकाटोकी जारी रही।