सूडान में एक कुपोषित बच्ची के मरने के इंतज़ार में उसके पास बैठा एक गिद्ध!
इस फोटो को पूरी दुनिया में कितने अखबारों और समस्त सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर न जाने कितनी बार लाखों, करोड़ों लोगों द्वारा शेयर किया गया है, करोड़ों लोगों ने इसको टैग किया है, मगर क्या इसके पीछे की मार्मिक कहानी किसी को पता है?
इस फोटो को खींचने वाले फोटोग्राफर ने तीन माह बाद पश्चाताप में आत्म हत्या कर ली थी!
” यह फोटो मार्च 1993 में मशहूर फोटोग्राफर केविन कार्टर ने भुखमरी और कुपोषण से जूझते देश सूडान के एक गांव में खींचा था, यह एक सूडानी कुपोषित बच्ची का फोटो है जो कि अपने माता पिता की झोंपड़ी की और रेंग कर जाने का प्रयत्न कर रही है और माता पिता दोनों खाना ढूँढने जंगल गए हुए हैं, भूख ने उस बच्ची को बेदम कर रखा है लेकिन उसकी ताक में एक गिद्ध भी बैठा है जो कि उसके मरने का इंतज़ार कर रहा है!
फोटोग्राफर केविन कार्टर ने काफी देर तक इस दृश्य को देखा और फिर अपने कैमरे में आखिरकार क़ैद कर लिया और फिर उस गिद्ध को वहां से उड़ा दिया !
वैसे इस फोटो के अलावा सूडान के इस संकट के उन्होंने और भी कई फोटो खींचे थे, मगर यह फोटो उनको विशेष लगा !
वापस आकर केविन कार्टर ने इस फोटो को मशहूर अमेरिकी अखबार New York Times को बेच दिया, यह फोटो पहली बार March 26, 1993 को New York Times में प्रकाशित हुआ था और उस फोटो का कैप्शन था ” Metaphor for Africa’s despair “
फोटोग्राफर केविन कार्टर को इस फोटो के लिए प्रतिष्टित पुलित्जर पुरस्कार मिला और इस फोटो के प्रकाशित होते ही दुनिया भर के हज़ारों लाखों लोगों ने केविन कार्टर से इस सूडानी बच्ची के बारे में हज़ारों सवाल किये! कईयों ने तो उस पर यह आरोप भी लगाए कि उसने उस समय फोटो खींचना ज्यादा उचित समझा बनिस्पत उस रेंगती हुई बच्ची को बचाने के! वह लोग यह नहीं जानते थे कि उस समय सूडान में संक्रमित बीमारियाँ फैली थी और पत्रकारों और फोटोग्राफरों को घायल और दम तोड़ते सूडानी लोगों से दूर रहने का आदेश यूनाइटेड नेशन द्वारा दिया गया था…यही कारण था कि केविन कार्टर उस बच्ची को उठा न पाए !
केविन कार्टर उस प्रतिष्टित पुलित्जर पुरस्कार का आनंद बिलकुल नहीं ले पाए क्यूंकि उनको हमेशा उस सूडानी बच्ची की याद आती रही, लोगों के सवाल और उलाहने उनको परेशान करते रहे!
Portions of Carter’s suicide note read: “I am depressed … without phone … money for rent … money for child support … money for debts … money!!! … I am haunted by the vivid memories of killings and corpses and anger and pain … of starving or wounded children, of trigger-happy madmen, often police, of killer executioners … I have gone to join Ken if I am that lucky.”
उनको यह ग्लानी और अपराध बोध सताता रहा कि उन्होंने उस बच्ची को बचाने की पूरी कोशिश नहीं की और न ही यह देख पाए कि वो जिंदा रही या मर गयी! इसी अपराध बोध और ग्लानी में वो एकाकी हो गए और इस फोटो के New York Times में प्रकाशित होने के तीन महीने बाद 27 जुलाई 1994 को उस महान फोटोग्राफर ने जवानी में ही आत्म हत्या कर अपना जीवन समाप्त कर लिया….
केविन कार्टर 13 सितम्बर 1960 को जोहान्सबर्ग में पैदा हुए थे। साभार