जयंती पर विशेष
लीला चिटनिस हिन्दी फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। लीला चिटनिस ने 52 वर्ष तक अभिनय किया और अशोक कुमार की नायिका रहीं तो बाद में अनेक फिल्मों में वे दिलीप कुमार राजकपूर और देव आनंद की मां की भूमिकाओं में आईं। लीला चिटनिस ने अभिनय करने के अलावा फिल्म आज की बात् 1955 का निर्माण और निर्देशन भी किया।
हिंदुस्तानी सिनेमा में आने वाली स्नातक अभिनेत्रियों में दुर्गा खोटे के बाद लीला चिटनिस का नाम शिखर पर हैं। अपने जीवन में भी पति गजानन यशवंत चिटनिस से तलाक के बाद चार बच्चों की परवरिश उन्होंने बड़े जतन से की और 93 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु भी अमेरिका में उनके ज्येष्ठ पुत्र के घर हुई।
लीला चिटनिस ने अपने पति के साथ स्वतंत्रता संग्राम में इस तरह सहयोग किया कि क्रांतिकारी मानवेंद्र नाथ राय को अपने घर में ब्रिटिश पुलिस की निगाह से बचाकर रखा।
लीला चिटनिस का जन्म 9 सितंबर,1909 को हुआ था। लीला चिटनिस पहली भारतीय अभिनेत्री हैं जिन्होंने 1941 में लक्स् साबुन के लिए विज्ञापन फिल्म में काम किया। उनके पूर्व केवल हॉलीवुड नायिकाओं को लिया जाता था। परंतु 1930 वाले दौर में पारंपरिक समाज स्त्री को किसी तरह आजादी और सुविधा नहीं देता था तब इन महिलाओं ने रंगमंच पर अभिनय किया है फिल्में की हैं और स्वतंत्रता संग्राम में भी सहयोग किया है।
दिल तुझको दिया 1987,बिन माँ के बच्चे 1980,सत्यम शिवम सुन्दरम 1978,जीवन मृत्यु 1970,फूल और पत्थर 1966,वक्त 1965,गाइड 1965,दोस्ती 1964,वटवारा 1961, धर्मपुत्र,गंगा जमुना ,हम दोनों ,परख 1960,आज की बात 1955,आवारा 1951,बन्धन 1940,कंगन 1939,इंसाफ 1937,श्री सत्यनारायण 1935।
लीला चिटनिस को देविका रानी जैसी विरल सुंदर महिला के स्टूडियो में उनके प्रिय नायक अशोक कुमार के साथ अपनी काबिलियत सिद्ध करनी थी। देविका रानी कठोर प्रशासक थीं। प्रेमिका की भूमिकाओं से नए लोगों द्वारा विस्थापित होने के बाद कभी अपने नायक रहे कलाकारों की मां की भूमिका करना आसान यात्रा नहीं थी। लीला चिटनिस अपनी लंबी पारी में कभी भी किसी विवाद में नहीं उलझीं। 14 जुलाई 2003 को उन्होने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।