जॉगिंग शब्द से हम सभी परिचित हैं, पर क्या इसके बारे में हम सही मायनों में जानते हैं? आइए इसे विस्तार से जान लें, ताकि अपने स्वस्थ जीवन के लिए इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें। कब, कैसे, कितनी जॉगिंग फायदेमंद है, बता रही हैं श्रुति गोयल
आजकल लोगों में जॉगिंग का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। शायद इसी कारण लोग अक्सर सुबह पार्क में, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में, फुटपाथ पर जॉगिंग करते दिख जाते हैं। आजकल तो जॉगिंग ग्रुप्स भी बनने लगे हैं, जिनमें वीकएंड जॉगिंग ग्रुप्स भी शामिल हैं। लोगों में जॉगिंग के प्रति उत्साह बढ़ने की एक वजह यह भी है कि वे इसके द्वारा अपनी व्यस्त जीवनशैली में से थोड़ा-सा समय निकाल कर व्यायाम का लाभ उठाते हुए सुबह-सुबह खुली हवा का भी आनन्द उठा पाते हैं।
जॉगिंग को जानें
जॉगिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी उपकरण की सहायता के बिना भी शरीर का पूरा व्यायाम हो जाता है। यह स्लिम होने में तो मदद करती ही है, अन्य कई तरह से भी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होती है, अगर इसे सही तरह से किया जाए।
जॉगिंग के फायदे
यह हमारे दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होती है ’इससे मांसपेशियां और शरीर मजबूत होते हैं
इससे हमारे शरीर के टॉक्सिन नष्ट होते हैं, जिससे हमारा स्वास्थ्य बेहतर होता है यह एंटीएजिंग का भी काम करती है आज छरहरेपन को व्यक्तित्व की जान माना जाता है और इस काम में जॉगिंग की खास भूमिका होती है जॉगिंग मधुमेह की आशंकाओं को भी कम करती है यह तनाव को कम करती है। जॉगिंग शुरू करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें प्रारम्भ में ही बहुत ज्यादा जॉगिंग करना उचित नहीं होता जॉगिंग शुरू करनी हो तो पहले ब्रिस्क वॉक करें, उसके बाद जॉगिंग करें, अन्यथा थोड़ी जॉगिंग फिर थोड़ी वॉक, इस तरह करें जैसे 30 सेकेंड जॉगिंग तो 30 सेकेंड वॉक। लम्बी अवधि तक लगातार जॉगिंग न करें।
जॉगिंग करते समय
जॉगिंग करने के लिए जॉगिंग शूज का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है, लेकिन शूज टाइट भी नहीं होने चाहिए। यदि जॉगिंग सही शूज से न की जाये तो टखने, कूल्हे और रीढ़ की हड्डी तक को क्षति पहुंच सकती है।
जॉगिंग करने से पहले आप पहनावे पर भी ध्यान दें कि वह जॉगिंग करने के लिए अनुकूल और आरामदेह हों। सिंथेटिक कपड़े न पहनें।
जब जॉगिंग पर जाना हो तो आपका पेट ठीक से साफ होना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि गैस, कब्ज आदि की परेशानी न हो रही हो। इस तरह की परेशानी से शरीर में भारीपन महसूस होगा, जिससे जॉगिंग के दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। जहां तक संभव हो जॉगिंग खुली जगह में करें। इससे यह अधिक सकारात्मक प्रभाव डालती है। जॉगिंग फुटपाथ या सड़क की अपेक्षा कच्ची जमीन पर करना बेहतर होता है। पक्की जमीन सख्त होने के कारण घुटनों को नुकसान पहुंचाती है।
जॉगिंग की प्रक्रिया
जॉगिंग के लिए हम इस बात को लेकर निश्चिंत हो सकते हैं कि व्यायाम की अन्य प्रक्रियाओं की तरह यदि यह नियमित तौर पर न हो पाये तो इसका शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं होती। जॉगिंग व्यायाम का ऐसा तरीका है, जिसके लिए उपकरणों की भी आवश्यकता नहीं होती। इसका अर्थ यह नहीं कि इसे किसी भी तरह कर लिया जाए। यदि जॉगिंग करने की उचित प्रक्रिया को नजरअंदाज कर दिया जाये तो यह शरीर को कई तरह से हानि पहुंचाती है, जैसे घुटने में चोट, मांसपेशियों में अकड़न या खिंचाव आदि। जॉगिंग की प्रक्रिया के लिए सबसे पहले वार्मअप करें। जॉगिंग शुरू करने से पहले शरीर के विभिन्न अंगों के जोड़ों को गतिशील बनाएं। इसके लिए आप टखने और कूल्हे की रोटेशन, धड़ का रोटेशन एवं कंधे, कलाई और गर्दन को स्फूर्ति देने वाली क्रियाएं कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके शरीर के जोड़ों में तरलता का संचार ठीक हो जाता है। जिस तरह जॉगिंग करने से पहले वार्मअप आवश्यक है, उसी तरह जॉगिंग के बाद तुरंत ही आराम की स्थिति में नहीं आ सकते, बल्कि स्ट्रेचिंग करना महत्वपूर्ण होता है। इसलिए उसी तरह स्ट्रेचिंग करें, उसके बाद ही जॉगिंग की प्रक्रिया पूरी होती है।
किस समय और कितनी
वैसे तो जॉगिंग किसी भी समय की जा सकती है, पर दिन के समय जॉगिंग करने से बचना चाहिए, खासकर गर्मियों के दिनों में, क्योंकि उस समय जॉगिंग करने से हीट स्ट्रोक होने की आशंका बढ़ जाती है। यदि सुबह में की जाये तो जॉगिंग ज्यादा बेहतर होती है। उस समय ऑक्सीजन अधिक मात्रा में मिलती है और कैलोरी अधिक नष्ट हो पाती है। यदि किसी को एलर्जी की शिकायत है तो ज्यादा सुबह जॉगिंग न करे। जॉगिंग करीब एक हफ्ते में दो से तीन घंटे तक कर सकते हैं।
कब न करें
यदि किसी को गठिया की समस्या है तो उसे जॉगिंग करने से बचना चाहिए।
यदि हाल ही में सर्जरी हुई है या सर्जरी हुए चार से पांच महीने हुए हैं तो भी जॉगिंग न करें या डॉक्टर की अनुमति के बाद ही जॉगिंग शुरू करें।
पेट संबंधी सर्जरी वालों को भी जॉगिंग सोच-समझ कर और विशेषज्ञ से बातचीत करने के बाद ही शुरू करनी चाहिए।
60 वर्ष से अधिक आयु वालों को जॉगिंग करने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
लम्बे समय से अस्थमा से जुड़ी परेशानी वालों को भी जॉगिंग ध्यान से करनी चाहिए। डॉंक्टर से भी जरूरी सलाह ले लें।
खान-पान संबंधी बातें
जॉगिंग से पहले भरपूर भोजन न करें, इसका मतलब यह नहीं कि आप खाली पेट ही जॉगिंग करने चले जाएं। बिलकुल खाली पेट जॉगिंग करने से हाइपोग्लेसीमिया का शिकार होने का खतरा होता है। यानी जॉगिंग करने के दौरान आपका शुगर स्तर आवश्यकता से अधिक कम हो सकता है। बेहतर होगा कि आप जॉगिंग करने जाने से पहले फल खाएं। जॉगिंग पर जाने से 10-15 मिनट पहले कम से कम दो गिलास पानी अवश्य पिएं।