दूसरा टेस्ट 24 नवंबर से नागपुर में खेला जाएगा
कोलकाता:-एजेंसी। भारत ने भुवनेश्वर कुमार की अगुआई में तेज गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत जीत की उम्मीद जगाई, लेकिन अंतिम दिन भी खराब रोशनी की वजह से खेल जल्दी समाप्त हुआ और श्रीलंका पहला टेस्ट ड्रा कराने में सफल रहा। मैच में किसी भी दिन 90 ओवर का खेल नहीं हो पाया और आखिरी दिन भी सिर्फ 75 । 4 ओवर फेंके जा सके।
विराट कोहली (नाबाद 104) ने अपना 18वां टेस्ट और 50वां अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने के बाद आठ विकेट पर 352 रन के स्कोर पर भारत की दूसरी पारी घोषित करके श्रीलंका को 231 रन का लक्ष्य दिया। भारत की ओर से सलामी बल्लेबाजों शिखर धवन (94) और लोकेश राहुल (79) ने भी अर्धशतक जड़े।
इसके जवाब में श्रीलंका ने भुवनेश्वर (आठ रन पर चार विकेट), मोहम्मद शमी (34 रन पर दो विकेट) और उमेश यादव (25 रन पर एक विकेट) की तूफानी गेंदबाजी के सामने जब दूसरी पारी में 26 । 3 ओवर में सात विकेट पर 75 रन बनाए थे तब अंपायरों ने खराब रोशनी के कारण खेल समाप्त करने का फैसला किया।
भारत ने पहली पारी में 172 रन बनाए थे जिसके जवाब में श्रीलंका ने 294 रन का स्कोर खड़ा किया था। भारत की तरफ से मैच में सभी 17 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिये। यह पहला अवसर है जबकि घरेलू सरजमीं पर उसका कोई भारतीय स्पिनर विकेट नहीं ले पाया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरे श्रीलंका की शुरुआत अच्छी नहीं रही। सदीरा समरविक्रमा (00) भुवनेश्वर के पहले ओवर की अंतिम गेंद को विकेटों पर खेल गए और इस तेज गेंदबाज का 50वां टेस्ट शिकार बने। सलामी बल्लेबाज दिमुथ करूणारत्ने (01) ने भी समरविक्रमा की गलती दोहरायी और शमी की गेंद विकेटों में खेली। चाय तक टीम का स्कोर दो विकेट पर आठ रन था।
चाय के बाद भुवनेश्वर ने लाहिरू तिरिमाने (07) को गली में अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच कैच कराया जबकि उमेश ने एंजेलो मैथ्यूज (12) को पगबाधा करके श्रीलंका को चौथा झटका दिया। मैदानी अंपायर ने मैथ्यूज को आउट नहीं दिया था लेकिन डीआरएस का सहारा लेने पर तीसरे अंपायर ने फैसला बदल दिया।
निरोशन डिकवेला (27) और कप्तान दिनेश चांदीमल (20) पांचवें विकेट के लिए 47 रन जोड़कर श्रीलंका को सुरक्षित स्थिति के करीब ले गए लेकिन शमी ने मेहमान टीम के कप्तान को बोल्ड करके एक बार फिर भारत की उम्मीद जगाई।
भुवनेश्वर ने इसके बाद डिकवेला को पगबाधा करके श्रीलंका का स्कोर छह विकेट पर 69 रन किया। अगली गेंद पर अंपायर ने दिलरुवान को भी पगबाधा दिया लेकिन डीआरएस पर एक बार फिर तीसरे अंपायर ने फैसला पलट दिया क्योंकि गेंद विकेट पर नहीं लग रही थी। भुवनेश्वर ने हालांकि अगले ओवर में इस बल्लेबाज को बोल्ड कर दिया।
शमी के अगले ओवर में खराब रोशनी के कारण अंपायरों ने दिन का खेल समाप्त कर दिया।
इससे पहले सुबह भारत ने सुरंगा लकमल (93 रन पर तीन विकेट) और दासुन शनाका (76 रन पर तीन विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए। कोहली ने एक छोर संभाले रखा और ईडन पर अपना पहला शतक जड़ा। उन्होंने 119 गेंद की अपनी पारी में 12 चौके और दो छक्के मारे।
विराट कोहली ने इस शतक के साथ भारतीय कप्तान के रूप में सुनील गावस्कर के सर्वाधिक 11 शतक के रिकार्ड की बराबरी भी की। इससे पहले ईडन पर कोहली का सर्वाधिक स्कोर 45 रन था। इस टेस्ट मैच में 8 विकेट लेने वाले भुवनेश्वर कुमार बने मैन ऑफ मैच ।