लखनऊ। स्वप्निल संसार। एजेंसी। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम आने से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेशवासियों को तगड़ा झटका दिया है।विद्युत नियामक आयोग के चेयरमेन एस के अग्रवाल ने प्रेस कॉंफ्रेंस करते हुए बिजली दरों में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा कर दी। शहरी उपभोक्ताओं को अब 150 यूनिट तक 4.90 रूपए की दर से, 150 से 300 यूनिट तक 5.40 रुपए की दर से बिजली मिलेगी।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दरों में करीब दोगुनी बढ़ोतरी की गई है। अब ग्रामीण क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं को अब 100 यूनिट तक 3.0 रुपये प्रति यूनिट, 100 से 150 यूनिट तक 3.50 रुपये प्रति यूनिट और 150 से 300 यूनिट के लिए 4.50 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना होगा। बिना मीटर वाले ग्रामीण बिजली उपभोक्ता से अभी तक 180 रुपये लिए जाते थे, जिसे बढ़ाकर 31 मार्च तक 300 रुपये और उसके बाद 400 रुपये लिए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र में मीटर वालों को 100 यूनिट का 50 रुपये फिक्स चार्ज भी देना होगा। मीडिया को संबोधित करते हुए विद्युत नियामक आयोग के चेयरमेन एसके अग्रवाल ने कहा कि बिजली दरों में 20 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव था, लेकिन हम 12 फीसदी ही बढ़ोतरी को मंजूरी दे रहे हैं। वर्तमान में 1 करोड़ 20 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। 2018-19 में यह संख्या बढ़कर 4 करोड़ होने जा रहे है। गरीबों को बिजली का मुफ्त कनेक्शन दिया जाएगा जिससे करीब 2 करोड़ उपभोक्ता बढ़ेंगे।
सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार अपने फैसलों से जनता को दंडित करने का काम कर रही है। मंहगाई उसके रोके नहीं रूक रही है। कानून व्यवस्था, अर्थव्यवस्था सब चैपट है। अब आम जरूरत की बिजली भी 150 फीसदी तक मंहगी की जा रही है। समाजवादी सरकार ने कभी औसत 8 प्रतिशत से ऊपर दर नहीं बढ़ाई थी। भाजपा का जनविरोधी और संवेदनशून्य चेहरा उजागर हो गया है।
कहने को राज्य नियामक आयोग कल नया टैरिफ जारी कर रहा है लेकिन इसके पीछे वस्तुतः भाजपा सरकार की वह सोच है जो जनता का भला नहीं सोचती हैं। वह जनहित में कोई काम नहीं करना चाहती है। चूंकि भाजपा किसानों को अपनी प्राथमिकता में नहीं रखती है इसलिए उसने ग्रामीण क्षेत्र को पहला शिकार बनाया हैं। ग्रामीण इलाकों में अब फिक्स चार्ज 400 रूपए होगा जबकि अभी 180 रूपए देने होते हैं। शहरी उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 20 फीसदी तक बढ़ोŸारी होगी। इससे लोगों का घरेलू बजट बुरी तरह प्रभावित होगा।अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार के समय महानगरों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति हुई थी। विद्युत के उपकेंद्र स्थापित करने के साथ विद्युत उत्पादन क्षमता 8500 मेगावाट से बढ़ाकर 16500 मेगावाट की गई। समाजवादी सरकार में जनता के हित की तमाम योजनाएं लागू हुई थी। भाजपा ने जनता की परेशानी बढ़ाने का फैसला कर जन असंतोष को उभारने का काम किया है। वह पहले से ही बदहाल कानून व्यवस्था को और ज्यादा बिगाड़ने पर तुली है। जनता अगर सड़क पर आ जाती है तो इसका दोष सिर्फ भाजपा पर होगा। राज्य के हित में यह अच्छा होगा कि विधुत दरों में की गई वृद्धि तत्काल वापिस हो।वही कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, सांसद, राज्य सभा ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के बिल में लगभग 150ः की बेतहाशा वृृद्धि करके उसे लगभग दो गुना कर दिया गया है – जो गम्भीर चिन्ता का विषय है । श्री तिवारी ने कहा है कि प्रदेश का आम आदमी, किसान, मजदूर और मध्यम वर्गीय व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में बिजली की आपूर्ति न होने से वह पहले से ही बिजली की मार झेल रहा हैं – किन्तु एक बारगी इतना अधिक बिजली का बिल बढ़ाया जाना उसके लिये असहनीय है । श्री तिवारी ने कहा है कि सरकार बिजली की चोरी को रोके, और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में समुचित मात्रा में समयबद्ध ढंग से बिजली की आपूर्ति सुनिष्चित करे, तथा बिजली बिल के वृद्धि के इस प्रस्ताव को लागू न करते हुये प्रदेष की जनता के हित में वृृद्धि के इस प्रस्ताव को तत्काल वापस ले ।
विद्युत मूल्यों की दरों में बेतहाशा वृद्धि के फैसले से प्रदेश के व्यापारियों में जबरदस्त आक्रोश एवं नाराजगी व्याप्त हो गई है उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि विद्युत दरों में दोगुनी तक हुई वृद्धि से व्यापारियों एवं जनता पर भारी आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा ,व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा व्यवसायिक बिजली पहले से ही व्यापारी महंगी खरीद रहे हैं अब और वृद्धि से व्यापारियों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा उन्होंने कहा नोटबंदी एवं जीएसटी के बाद बाजारों की हालत पहले से ही खराब है व्यापारियों के अपने खर्चे निकल नहीं रहे हैं इस वृद्धि से व्यापारियों को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा तथा महंगाई बढ़ेगी, संजय गुप्ता ने कहा सरकार एवं विद्युत विभाग को सरकारी भवनों एवम सरकारी विभागों पर जो करोड़ो का विद्युत बिलों का बकाया है उसे वसूलना चाहिए विभागों के नाकारापन का खामियाजा जनता एवं व्यापारियों को न भुगताया जाए ,उन्होंने कहा विभाग बिजली चोरी रोकने में पूरी तरह से नाकाम है जो व्यापारी और जनता विद्युत का भुगतान कर रहे हैं उन्हीं पर सरकार और बोझ डाल रही है विद्युत नियामक आयोग का चेहरा सामने किया जा रहा है संजय गुप्ता ने कहा प्रदेश का व्यापारी इस वृद्धि को स्वीकार नहीं करेगा उन्होंने मुख्यमंत्री से इस विषय को गंभीरता से लेते हुए विद्युत दरों की वृद्धि को वापस लेने के लिए तत्काल विद्युत नियामक आयोग से इस फैसले को पुनर्विचार करते हुए वापस लेने का वातावरण बनाने की मांग की.