आज का इतिहास
राष्ट्रीय संविधान दिवस प्रत्येक वर्ष ’26 नवम्बर को मनाया जाता है। 1949 में 26 नवम्बर को संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को स्वीकृत किया गया था, जो 26 जनवरी, 1950 को प्रभाव में आया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को “भारत के संविधान का जनक” कहा जाता है। भारत की आजादी के बाद काग्रेस सरकार ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत के प्रथम कानून मंत्री के रूप में सेवा करने का निमंत्रण दिया। उन्हें 29 अगस्त को संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्हें मजबूत और एकजुट भारत के लिए जाना जाता है।
विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस प्रत्येक वर्ष ’26 नवम्बर’ को मनाया जाता है। यह दिवस पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगों को जागरूक करने के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाने के लिए मनाते हैं। यह दिवस ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम’ (यूएनईपी) के द्वारा आयोजित किया जाता है। पिछले करीब तीन दशकों से ऐसा महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण से जुडी हुई है। इस सन्दर्भ में ध्यान देने वाली बात है कि करीब दस वैश्विक पर्यावरण संधियाँ और करीब सौ के आस-पास क्षेत्रीय और द्विपक्षीय वार्ताएं एवं समझौते संपन्न किये गाये हैं। ये सभी सम्मलेन रिओ डी जेनेरियो में किये गए। पृथ्वी सम्मलेन जो कि 1992 के संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण और विकास कार्यक्रम के आलोक में किये गए हैं। रिओ डी जेनेरियो में किया गया सम्मलेन अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण से जुड़े सम्मेलनों एवं नीतियों के सन्दर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण विन्दु था।
राष्ट्रीय कैडेट कोर विश्व का सबसे बड़ा और वर्दीधारी युवा संगठन है। नई दिल्ली में यह अपने मुख्यालय के साथ एक भारतीय सैन्य कैडेट कोर है। यह स्वैच्छिक आधार पर स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए खुला है। राष्ट्रीय कैडेट कोर दिवस प्रत्येक वर्ष नवम्बर माह के चौथे रविवार को मनाया जाता है।
जयंती
वर्गीज़ कुरियन
26 नवंबर, 1921-9 सितम्बर, 2012- दुग्ध क्रान्ति, जिसे ‘श्वेत क्रान्ति’ भी कहा जाता है, के जनक माने जाते हैं। भारत को दुनिया का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बनाने के लिए श्वेत क्रांति लाने वाले वर्गीज़ कुरियन को देश में सहकारी दुग्ध उद्योग के मॉडल की आधारशिला रखने का श्रेय जाता है।
यशपाल
26 नवम्बर, 1926- 24 जुलाई, 2017 मशहूर वैज्ञानिक और शिक्षाविद थे। देश में वैज्ञानिक प्रतिभाओं को निखारने में उनका ख़ास योगदान माना जाता है। उनकी उपलब्धियों का सम्मान करते हुए ही भारत सरकार ने उन्हें पद्म पुरस्कारों से नवाजा था। यशपाल दूरदर्शन पर ‘टर्निंग पाइंट’ नाम के एक साइंटिफिक कार्यक्रम को भी होस्ट करते थे। भारत में उनका शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा है। वह शिक्षा में ओवरबर्डन पढ़ाई के सख्त विरुद्ध थे। इसीलिए उन्होंने इस मुद्दे की ओर भारत सरकार का कई बार ध्यान आकर्षित किया था।
पुण्य तिथि
वी. के. मूर्ति
26 नवम्बर 1923 – 7 अप्रॅल, 2014 सिने जगत में एक जाना-पहचाना नाम है। वे हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध सिनेमेटोग्राफ़र हैं। एक कैमरामैन के रूप में वी. के. मूर्ति ने बहुत नाम कमाया है। उनके कैमरे का जादू मुस्कुराते होठों की उदासी, आँखों के काले घेरों की स्याह नमी, गुलाबी सर्दियों की गुनगुनाती गर्माहट और किताबों में छुपी चिठ्ठियों से उठती प्रेम की खुशबू आदि सब कुछ कैद कर सकता है। वी. के. मूर्ति कला और तकनीक के अद्भूत सम्मिश्रण तथा हिन्दी सिनेमा में प्रकाश और छाया के अतुलनीय प्रयोगों का नाम है। वे ऐक्टर-डायरेक्टर गुरुदत्त की टीम के साथ जुड़े थे। ‘प्यासा’, ‘काग़ज़ के फूल’, ‘चौंदहवीं का चांद’ और ‘साहब बीबी और ग़ुलाम’ जैसी गुरुदत्त की ब्लैक ऐंड वाइट फ़िल्मों में उन्होंने लाइट और कैमरे से चमत्कार उत्पन्न करके दर्शकों का मन मोह लिया था। उन्हें देश के सबसे बड़े सम्मान ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ (2008) के लिए भी चुना गया।
तपन राय चौधरी
8 मई, 1926 – 26 नवंबर, 2014 इतिहासकार थे। तपन राय चौधरी ब्रिटिश भारतीय इतिहास, भारतीय आर्थिक इतिहास और बंगाल के इतिहास के विशेषज्ञ थे। वह वर्ष 1993 में ऑक्सफोर्ड से सेवानिवृत्त हुए। तपन राय चौधरी को 2007 में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
मुबारक साल गिरह
रवि राय
26 नवंबर, 1926 राजनीतिज्ञ और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष हैं। नौवीं लोकसभा के चुनावों ने भारत के संसदीय लोकतंत्र में एक नए युग का सूत्रपात किया। कोई भी एक राजनीतिक दल सदन में पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं कर सका और इस प्रकार भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार, “त्रिशंकु संसद” बनी। इस अभूतपूर्व राजनीतिक अनिश्चितता के बावजूद, लोक सभा के सदस्यों ने दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर श्री रवि राय को सर्वसम्मति से नौवीं लोक सभा का अध्यक्ष बनाया। अंतर्निहित सादगी तथा पारदर्शी निष्कपटता से संपन्न रवि राय ने अपने निष्पक्ष तथा विवेकपूर्ण रवैये से अध्यक्ष पद के सम्मान तथा गरिमा में वृद्धि की।