घर में राशन न होने के कारण तीन दिन से नहीं जला घर का चूल्हा
लखनऊ! राजधानी लखनऊ के बंथरा गांव में राशन के अभाव में चार बच्चों सहित भूख के कारण जीवन व मौत से सघर्ष करने वाली अनुसूचित जनजाति का परिवार। उत्तर प्रदेश विधानसभा से महज 25 किलोमीटर दूर लखनऊ के सरोजनीनगर ब्लाक के बंथरा गांव की रहने वाली है। पूजा जब चार माह की गर्भवती थी तब उनका पति उन्हें छोड़कर कही चला गया। पूजा कूड़ा बिनकर अपना और अपने बच्चों का पेट पालती है। पिछले तीन दिनों से पूजा और उसके एक माह के बच्चे की तबीयत बहुत खराब है। जिसके वजह से वह कूड़ा बिनने नहीं जा पा रही हैं। पूजा के पास आधार कार्ड है वोटर कार्ड है और वह सभी चुनाव में वोट भी करती है। पूजा व उसके परिवार वाले उस जगह पर कई पीड़ियों से रह रहे है। पहले उसके पास राशन कार्ड था लेकिन आनलाइन होने के बाद उसका नाम सूची में शामिल नहीं किया गया जिसके कारण उसको राशन नहीं मिलता।
पूजा थारू ग्राम प्रधान कमला सिंह के पास जाकर कई बार कहा लेकिन उसे प्रधान का आश्वासन और गालियां तो मिली लेकिन राशन नही मिला जिसके कारण उसके घर में दो दिनों से चूल्हा नहीं जला है। उसके झोपड़ी मे राशन का एक भी दाना नही है जिसके कारण पूजा अपने चार बच्चों के साथ दो दिनों से अपने और बच्चो को पानी पिलाकर जी रही है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता अमित को जब इस परिवार के पीड़ा की सूचना मिली तब वह त्तकाल उस गांव का दौरा कर उनकी हालत से सघर्ष करने की तस्वीर मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को ट्वीट कर त्तकाल मदद की अपील किया और लिखित भी सूचना देते हुए कहा कि आप आश्चर्य मत होइएगा अगर आप को इस परिवार के किसी बच्चे की भूख से हुई मौत की खबर मिले तो।
इस सम्बंध में लखनऊ के जिलाधिकारी के न.9415005000 पर फोन कर पीड़ित पूजा व उसके बच्चों की त्तकाल मदद की भी अपील किया। जिस पर जिलाधिकारी ने कोटेदार से तत्काल राशन दिलाने की बात और चुनाव बाद पूजा को सरकारी योजनाओं में लाभ दिलाने की बात कही।
दो दिनों से भूखे रहने की सूचना मिलने के बाद काफी लोगों ने पूजा और उसके बच्चों को मदद देने की बात कही।यह हाल सिर्फ पूजा का ही नहीं बल्कि लखनऊ में हजारों परिवार राशन ना मिलने की वजह से भूखे सो रहे है।
इस तस्वीर के सामने आने के बाद से हम सरकार से अपील करते है की वह ऐसे परिवार को तत्काल राशन खाने पीने की सामग्री उनके बच्चों को शिक्षा,आवास सहित मूलभूत सुविधाओं के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाय जिससे उनके जीवन को बचाया जा सके।
द्रारा जारी अमित
Human Right Monitoring Committee “HRMC”