जयंती पर विशेष
शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला– 5 दिसंबर, 1905- 8 सितम्बर, 1982- राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में केंद्रीय भूमिका निभाई थी। ‘शेर-ए-कश्मीर'” कहलाने वाले शेख़ अब्दुल्ला, जो कि नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक थे और तीन बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री (पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री, जब राज्य के सत्ता प्रमुख को ‘वजीर-ए-आजम’ और संवैधानिक प्रमुख को ‘सदर-ए-रियासत’ कहा जाता था) रहे थे। उनके बाद उनके बेटे फ़ारूक़ अब्दुल्ला भी तीन बार और उनके पोते उमर अब्दुल्ला एक बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे।
जोश मलिहाबादी –
शब्बीर हसन खान, 5 दिसंबर, 1894 मलिहाबाद 22 फ़रवरी, 1982 पाकिस्तान – 20वीं शताब्दी के महान् शायरों में से एक थे। ये 1958 तक भारत में रहे फिर पाकिस्तान चले गए।
मुबारक साल गिरह
अजंलि वेद पाठक भागवत
– 5 दिसम्बर, 1969, मुम्बई,- प्रसिद्ध महिला निशानेबाज़ हैं। उन्होंने 2002 के मानचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में अनेकों पदक जीतकर धूम मचा दी थी। वह इन खेलों में व्यक्तिगत व पेयर स्पर्धाओं में 4 स्वर्ण पदक जीतकर सुर्ख़ियों में आ गईं। उन्हें वर्ष 2000 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया और 2002 के राष्ट्र्मंडल खेलों की उपलब्धियों के लिए वर्ष 2003 में ‘राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार’ दिया गया। यह पुरस्कार उन्हें बीनामोल के साथ सयुंक्त रूप से प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त अंजलि भागवत को ‘छत्रपति पुरस्कार’, ‘महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार’ तथा ‘महाराष्ट्र प्रतिष्ठा पुरस्कार’ भी प्राप्त हो चुके हैं।
पुण्य तिथि पर विशेष
जयललिता जयराम
24 फ़रवरी, 1948, मैसूर- 5 दिसम्बर, 2016, चेन्नई- तमिलनाडु की मुख्यमंत्री एवं ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम की नेता थीं। वे तमिल और हिंदी फ़िल्मों की अभिनेत्री भी रही थीं।
अमृता शेर-गिल
– 30 जनवरी, 1913-5 दिसम्बर, 1941 ख़ूबसूरत चित्रकारी करने वाले चित्रकारों में से एक थीं। अमृता शेरगिल ने कैनवास पर भारत की एक नई तस्वीर उकेरी। अपनी पेंटिंग्स के बारे में अमृता का कहना था- ‘मैंने भारत की आत्मा को एक नया रूप दिया है। यह परिवर्तन सिर्फ विषय का नहीं, बल्कि तकनीकी भी है।’ अमृता ने इस प्रकार के यथार्थवादी चित्रों की रचना की थी, जिनकी सारे संसार में चर्चा हुई।
अरबिंदो घोष
– 15 अगस्त, 1872, कोलकाता – 5 दिसम्बर, 1950 आधुनिक काल में भारत में अनेक महान् क्रांतिकारी और योगी हुए हैं, अरबिंदो घोष उनमें अद्वितीय हैं। अरविंदो घोष कवि और राष्ट्रवादी थे जिन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से सार्वभौमिक मोक्ष का दर्शन प्रतिपादित किया।
अवनीन्द्रनाथ ठाकुर–
7 अगस्त, 1871, कलकत्ता, 5 दिसम्बर, 1951- प्रख्यात चित्रकार तथा साहित्यकार थे। उन्हें राष्ट्र से बड़ा प्रेम था। सांस्कृतिक ग़ुलामी से मुक्ति के लिए उन्होंने अपने अग्रज गगनेन्द्रनाथ ठाकुर के सहयोग से 1907 में कोलकाता (भूतपूर्व कलकत्ता) में ‘इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियण्टल आर्टस’ नामक संस्था की स्थापना की थी।
मजाज़ लखनवी–
असरार उल हक़ ‘मजाज़’,19 अक्तूबर, 1911, बाराबंकी, -5 दिसम्बर, 1955 प्रसिद्ध शायर थे। उन्हें तरक्की पसन्द तहरीक और इन्कलाबी शायर भी कहा जाता है। महज 44 साल की छोटी-सी उम्र में उर्दू साहित्य के ‘कीट्स’ कहे जाने वाले असरार उल हक़ ‘मजाज़’ इस जहाँ से कूच करने से पहले अपनी उम्र से बड़ी रचनाओं की सौगात उर्दू अदब़ को दे गए शायद मजाज़ को इसलिये उर्दू शायरी का ‘कीट्स’ कहा जाता है।एजेंसी