लखनऊ। स्वप्निल संसार। प्रमोद तिवारी, सांसद, राज्य सभा ने कहा है कि मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में भारत का आर्थिक साम्राज्य जो दुनिया के विकासशील दशों में सबसे सषक्त माना जाता था, उसे उन्होंने अपनी पूंजी परस्त नीतियों के कारण तहस- नहस कर दिया है । नोटबन्दी के कारण दुनिया में पूंजी निवेश करने वाले शक्ति सम्पन्न पूंजी निवेशकों में देश की व्यापारिक साख एवं विश्वास दोनों घटा है। कालेधन के नाम पर जिस नोटबन्दी को किया गया था उससे कालाधन तो नहीं आया किन्तु 99ः देश की प्रचलित पूंजी सभी बैंकों में जमा हो गयी, जमा धारकों को उसका ब्याज देना बैंकों का कानूनी दायित्व है । ऋण बांॅटकर उससे अर्जित ब्याज से जमा धारकों को ब्याज दिया जाता था और बैंक लाभ भी कमाती थी । 6 लाख से अधिक लघु एवं मध्यम उद्योग बन्द हो गये हैं, लघु एवं मध्यम उद्योग लगाने की हिम्मत लोगों में नहीं रही । बैंकों में जमा पैसा, जिसे लेने वाले नहीं है, इस स्थिति की ‘‘ज्वालामुखी का विस्फोट’’ देश की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहा है, और आगे भी भारी पड़ेगा ।
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श्री तिवारी ने कहा है कि मोदी सरकार जमाकर्ताओं पर टैक्स/ कर के नये- नये हथकण्डे अपना रही है, ईमानदार जमाकर्ता के धन की बैंकों में कटौती हो रही है । छोटे निवेशकों को समाप्त करके मुट्ठी भर अडानी और अम्बानी जैसे 8- 10 पूंजी पतियों के हाथों में देश की अर्थव्यवस्था सौंप दी गयी है । यह लोकतांत्रिक देश के लिये शुभ लक्षण नहीं है । मोदी सरकार की गलत आथ्रिक नीतियों के कारण आने वाले समय में भारत देश के करोड़ों घरों के चूल्हे बुझ जायेंगे, और छोटे उद्योगपति छण्च्ण्। का शकार होंगे, लघु एवं मध्यम उद्योगपति इन बड़े ‘‘वट वृृक्षों’’ के नीचे पनप नहीं पायेंगे । ‘‘मोदी युग’’ देश के ‘‘आर्थिक विनाश के युग’’ के रूप में पीड़ा के साथ याद किया जायेगा’ ।
श्री तिवारी ने कहा है कि आज किसान अपनी लागत का लाभकारी मूल्य न पाने के कारण मौत को गले लगा रहा है, अथवा आर्थिक संकट का जीवन ‘‘जी’’ रहा है । किसान को 50ः बोनस देने का वायदा किया गया था वह तो पूरा नहीं हुआ, वरन्् लागत में लगने वाली बिजली, मजदूरी और खाद का दाम बढ़ाने की वजह से किसान का जीवन संकटकाल से गुजर रहा है । प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण आज प्रदेश के किसानों के सामने भीषण संकट खड़ा हो गया है, किसान के घर में पलने वाले सांड़, गाय एवं बछड़ों के जीवन यापन के लिये किसान को आर्थिक सहायता न देने के कारण लाखों की तादात में उत्तर प्रदेष में छुट््टा सांड़, गाय और बछड़े खेतों में किसान की गाढ़ी- कमाई की फसल बर्बाद एवं नष्ट कर रहे हैं, और किसान रात- रात भर जागकर खेतों में अपने फसल की रखवाली कर रहे हैं, तथा मौत का शिकार हो रहे हैं ।
श्री तिवारी ने कहा है कि या तो सरकार इन छुट्टा सांड़, गाय एवं बछड़ों के लिये ‘‘आश्रय स्थल’’ बनाये, या फिर किसानों को इन्हें पालने के लिये आर्थिक सहायता उपलब्ध कराये, अन्यथा किसानों की मेहनत की कमाई खलिहान में पहुंचने से पहले ही समाप्त हो जायेगी । प्रदेश सरकार के किसान विरोधी कदम के कारण आज प्रदेष का किसान संकट के दौर से गुजर रहा है ।
श्री तिवारी ने कहा है कि मोदी सरकार के 4 साल पूरे हो रहे हैं अब तो मोदी सरकार रु. 15.00 लाख (पन्द्रह लाख रुपये) देने की तारीख बताये, अब तक देश के 8 करोड नवजवानों कों नौकरी मिलनी चाहिए थी उसका उपाय बताये, महंगाई कब कम होगी ? इसका भी स्वयं समय बताये, ‘‘अच्छे दिन’’ कब आयेंगे ? उसे देश की जनता को बताये, अन्यथा 2019 में आने वाले लोक सभा के चुनाव में देश की जनता स्वयं मोदी सरकार से जवाब मांगेगी, और इसका बदला जनता इतिहास की सबसे शर्मनाक पराजय के रूप में मोदी सरकार से लेगी । मणिपुर, गुजरात एवं गोवा के चुनाव इसके ‘‘ट्रेलर’’ हैं ।