जिन प्रकाशकों ने जिला सूचना कार्यालय अपने प्रकाशन जमा नही कराये है, वे शीध्र घोषणा पत्र के साथ प्रकाशन की पहली प्रति तथा पिछले 6 माह के अंक दो सप्ताह के भीतर जमा करायें-
लखनऊ-। उप सूचना निदेशक, लखनऊ डा0दीवान सिंह यादव ने बताया कि जनपद में आरएनआई के वेबसाइट के अनुसार 5676 हिन्दी/उर्दू/अंग्रेजी समाचार पत्र/पत्रिकाए पंजीकृत है। जिनमे से 2047 प्रकाशनअपने प्रकाशित अंक जिला सूचना कार्यालय में जमा करतेे है। जिनकी नियमितता/अनियमितता रिपोर्ट सूचना निदेशालय उ0प्र0 लखनऊ को भेजी जाती है, शेष 3629 प्रकाशन/ समाचार पत्र पत्रिकाएं कार्यालय में जमा नही किये जा रहे है। जिनका कोई रिकार्ड भी कार्यालय में नहीं है। जबकि पीआरबी अधिनियम की व्यवस्था के अन्तर्गत प्रकाशन के तुरन्त बाद अंक की एक प्रति जमा करनी चाहिए।
उन्होने बताया कि सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश के क्रम में गैर विद्यमान समाचार पत्रों/प्रकाशनों का घोषणा-पत्र पीआरबी अधिनियम 1867 के धारा 8(ब)(3) के अनुसार निरस्त किया जाना है। इसके सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। जिन प्रकाशकों ने अभी तक जिला सूचना कार्यालय में जमा नहीं कराये है वे अपने शीध्र घोषणा पत्र, प्रकाशन की पहली प्रति तथा प्रकाशन के पिछले 6 माह के अंक दो सप्ताह के भीतर जमा करायें। अन्यथा उनके प्रकाशन के घोषणा-पत्र रद्द किये जाने की आख्या प्रभारी अधिकारी प्रेस/ नगर मजिस्ट्रेट प्रथम को अग्रसारित कर दी जायेगी।प्रकाशन के घोषणा पत्र रद्द हो जाने पर समाचार पत्र निकालने पर पीआर0बी0 अधिनियम की सुसंगत धाराओं में प्रकाशक के विरूद्ध कार्यवाही भी हो सकती है।
डा0 दीवान सिंह ने बताया कि पीआरबी अधिनियम की धारा 11 क के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रकाशन की एक निःशुल्क प्रति लेने का अधिकार जिला सूचना अधिकारी को दिया है। यह गैर विद्यमान प्रकाशनों के घोषणा पत्र रद्द करने की प्रक्रिया लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त जनपदों एवं सम्पूर्ण भारत में चल रही है। उन्होने बताया कि गैर विद्यमान प्रकाशनों के प्रकाशक/स्वामी को पर्याप्त समय दिया जा रहा है। जिससे पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए कार्यवाही की जायेगी ताकि किसी प्रकार का विवाद न हो और प्रकाशन के स्वामी के धारा- 8 सी में अपीलीय आथार्रिट के समक्ष प्रत्यावेदन देने पर निरस्तीकरण का पक्ष मजबूती एवं सुगमता से रखा जा सके। उन्होने लखनऊ मण्डल के अन्य 05 जनपदों के विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिये है इस सम्बन्ध में अपने जिले के प्रभारी अधिकारी प्रेस से सम्पर्क करते हुए रिपोर्ट आरएनआई को 31 मार्च 2018 से पहले भिजवाने की कार्यवाही सुनिश्चित करें।