लखनऊ। भाजपा की स्थापना के 38 वर्ष होने पर लखनऊ स्थित भाजपा मुख्यालय में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना भी मौजूद रहे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के मौके पर रक्षा मंत्री ने इमरजेंसी के दिनों की दिलाई याद।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इमरजेंसी के दिनों में बोलने तक की आजादी नहीं थी। जबकि आज सच्चे मायने में लोकतंत्र है और देश का हर नागरिक इस चीज को समझ रहा है। उन्होंने कहा कि कभी भाजपा के संसद में केवल दो सांसद हुआ करते थे और आज यह देश ही नहीं बल्कि दुनिया का 11 करोड़ सदस्यों के साथ सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनके समय में अभिव्यक्ति की आजादी का इमरजेंसी के नाम पर गला घोटा गया। वह आज हमारी सरकारों पर सवाल उठा रहें हैं।
उन्होंने बताया कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी बाजपेई ने पार्टी की नींव रखी और इसको आगे ले जाने का काम लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने किया और आज देश के सबसे अधिक राज्यों में किसी पार्टी की सरकार है तो वह भाजपा ही है। रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी का गठन देश की अखंडता, एकता को बनाए रखने के लिए किया गया और आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नृतत्व में देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भारत की साख बढ़ी है। इस मौके पर उन्होंने यूपी में हो रहे विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। साथ ही बुंदेलखंड के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए डिफेंस इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन कारिडोर के बारे में फिर से एक बार बताया। हालांकि बुंदेलखंड के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए इस योजना की का घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में ही कर चुके हैं। रक्षा मंत्री ने बताया कि इस योजना के लिए बुंदेलखंड में सर्वे का काम शुरू हो गया है और डीपीआर बनाई जा रही है। साथ ही बुंदेलखंड को एक्सप्रेस हाईवे से जोड़े जाने की भी बात बताई। उन्होंने कहा कि इससे बुंदेलखंड में विकास को बढ़ावा मिलेगा।
यूपी के बिजली विभाग को घाटे से उबारना सरकार की प्राथमिकता: सीएम योगी
सीएम योगी ने यूपी की पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकारों में बिजली केवल 4 जिलों में आती थी। जबकि 71 जिले उपेक्षा के शिकार हुआ करते थे। मगर अब हमारी सरकार में जिला मुख्यालयों को 24 घंटे तहसील मुख्यालयों को 20 घंटे जबकि गांव में 18 घंटे बिजली दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में लाइन लॉस 10% से कम होगा। उन्हें भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं एक सवाल के जवाब में कहा कि बिजली विभाग के निजीकरण का कोई भी प्रस्ताव कैबिनेट से पास नहीं हुआ था। हमारी प्राथमिकता है कि बिजली विभाग को घाटे से उबारें और उसके लिए निवेश करने को जो आगे आएगा। हम उसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि निजी करण और निवेश आमंत्रित करने में फर्क होता है और यह बिजली विभाग के निजीकरण की बात अफवाह है। बिजली विभाग को आर्थिक रूप से सुधार करने के लिए निवेश मंगाने से हम पीछे नहीं हटेंगे। गौरतलब है कि यूपी के 5 जिलों में विद्युत वितरण व्यवस्था निजी हाथों में देने की चर्चा चल रही थी। जिस पर इन जिलों के बिजली कर्मचारी सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन करने में जुटे थे। उनका कई प्रतिनिधिमंडल यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री और आला अफसरों से मिला। हालांकि सरकार ने अपना प्रस्ताव फिलहाल वापस ले लिया है।