स्वप्निल संसार लखनऊ । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिला सशक्तिकरण को अपूर्व एवं अविस्मरणीय योगदान दिया था। उनकी नई शिक्षा नीति सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति एवं पंचायती राज की संवैधानिक सुधार पहल ने महिलाओं के सशक्तिकरण को युगांतकारी गति एवं संरचनात्मक विकास की दिशा दी। इस आशय के विचार वक्ताओं ने राजीव गांधी स्टडी सर्कल उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा राजीव गांधी पुण्यतिथि के संदर्भ में लखनऊ विश्वविद्यालय के डीपीए सभागार में आयोजित राजीव गांधी और महिला सशक्तिकरण विषयक एक दिवसीय सेमिनार में व्यक्त किए।
सेमिनार में मुख्य अतिथि दीपक सिंह सदस्य उप्र विधान परिषद ने कहा कि राजीव गांधी ने इस तथ्य को पूरी संवेदना के साथ समझा और उसके लिए ठोस पहल की कि आधी आबादी के सशक्तिकरण एवं हर क्षेत्र में उनकी सक्रिय असरदार भागीदारी के बिना सशक्त व समर्थ राष्ट्रनिर्माण संभव नहीं हो सकता।
मुख्य वक्ता एवं स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय समन्वयक प्रो सतीश कुमार राय ने कहा कि शिक्षा और सहभागिता किसी कमजोर वर्ग के सशक्तिकरण के प्रबल अस्त्र होते हैं और दोनों माध्यमों से राजीव गांधी ने महिला समाज को ताकत एवं मौका दिया। संचार क्रांति ने महिलाओं के रोजगार एवं आर्थिक सशक्तिकरण को उत्प्रेरित किया और संवैधानिक ढांचे में पंचायतीराज क्रांति द्वारा 35 लाख जनप्रतिनिधित्व के नये अवसरों में एक तिहाई महिला सहभागिता की संभावनाओं का रास्ता बना महिला सशक्तिकरण के मोर्चे पर बेमिसाल योगदान दिया।
अध्यक्षीय सम्बोधन में उर्दू. अरबी.फारसी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं पूर्व आईएएस डाण्अनीस अंसारी ने कहा कि स्वण्राजीव गांधी ने महिलाए युवा और सभी कमजोर एवं वंचित वर्गों को ताकत एवं भागीदारी देने में सर्वाधिक अग्रणी भूमिका निभाई।
उत्तर प्रदेश राजीव गांधी स्टडी सर्कल के समन्वयक डा विनोद चन्द्रा ने जहां सेमिनार में प्रतिभाग करने वालों का स्वागत किया वहीं विचार प्रकट करने वालों में शामिल थे डा शु केडिया,आरती वाजपेयी,सुनीता निषाद तथा सर्वश्री डा शैलेन्द्रशुक्ला कानपुर तन्मय चटर्जी एवं अभिनीत कुशवाहा ;इलाहाबाद, सचिन रावत,डीपी सिंह ,संजय सिंह, ब्रिजेन्द्र सिंह,डा गुलाब राय डा अंजनी मिश्रा, डा-मनोज़ पांडेय,हिलाल नक्वी,विकास श्रीवास्तव,अयाज खान आदि।
संचालन स्टडी सर्कल के लखनऊ समन्वयक डा धुर्व त्रिपाठी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन बहराइच समन्वयक डा चंद्र मोहन उपाध्याय ने किया।