भाजपा सरकार में एक बार फिर आजमगढ़ को बदनाम करने की साजिश- रिहाई मंच
मोदी की रैली के बहाने ध्रुवीकरण की तैयारी
आतंकवाद के नाम पर बेकसूरों को फंसाने वाले बृजलाल ने फिर से आजमगढ़ को आतंकवाद से जोड़ा
भाजपा के निशाने पर मुसलमान के साथ अब दलित भी
पुलिस द्वारा उठाए गए और सवाल उठने पर छोड़े गए आफ़ताब से रिहाई मंच ने की मुलाकात
लखनऊ/आज़मगढ़। रिहाई मंच ने आज़मगढ़ को बदनाम करने की योगी सरकार की मंशा पर कड़ी आपत्ति जताई है। मंच ने कहा कि भाजपा सरकार में लगातार आज़मगढ़ को निशाना बनाया जा रहा है और इसी के तहत आज़मगढ़ में दलितों-पिछड़ों और मुसलमानों को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारा और फंसाया जा रहा है। मंच ने आशंका जताई है कि आज़मगढ़ में नरेंद्र मोदी जा रहे हैं तो फिर से मुस्लिम समुदाय के लोगों को आतंकवाद के नाम पर फंसाया जा सकता है ताकि भाजपा आतंकवाद की राजनीति के सहारे 2019 में ध्रुवीकरण करा सके। रिहाई मंच के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस द्वारा फ़र्ज़ी ढंग से उठाये गए और बाद में मामला सार्वजनिक होने पर छोड़े गए संजरपुर के आफताब से मुलाकात कर उन्हें इंसाफ दिलाने की प्रतिबद्धता जताई।
रिहाई मंच नेता अनिल यादव ने फ़र्ज़ी तरीके से उठाए गए संजरपुर निवासी आफताब से मुलाकात कर बताया कि आफताब और मोनू को आज़मगढ़ की पुलिस ने भदुली मोड़ से उठाया जहां पर सड़क पर ही उसके साथ मारपीट की और फिर कंधरापुर थाने उठा ले गयी। कंधरापुर प्रभारी अरविंद यादव ने उसको टार्चर किया। इसके पहले भी आफताब को 2016 में पुलिस ने उठाया था और उनके पैर में गोली मार दी थी। उन्होंने कहा कि अरविंद यादव कई फ़र्ज़ी मुठभेड़ में शामिल रहे हैं और जिसकी मानवाधिकार आयोग जांच कर रहा है। जिले में पोस्टिंग कराकर वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
रिहाई मंच नेता मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से आजमगढ़ में लगातार स्थितियां तनाव पूर्ण बनाई जा रही हैं. 2 अप्रैल के भारत बंद के नाम पर जहां दलित-मुस्लिम को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया वहीं सरायमीर में पुलिस फेसबुक पोस्ट के मामले को लेकर सवाल उठाने पर मुस्लिम समुदाय के युवकों की गिरफ्तारी और फर्जी मुकदमें लगाकर उनका दमन कर रही है.
रिहाई मंच नेता तारिक शफीक ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर बेगुनाह मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी करने वाले पूर्व एडीजी कानून व्यवस्था बृजलाल ने जिन्हें भाजपा ने पार्टी में आने के बाद एससी-एसटी आयोग का अध्यक्ष बनाया है, एक बार फिर आज़मगढ़ का नाम आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की. पिछले दिनों बृजलाल बोले कि आतंकवाद से गहरे रिश्ते हैं आज़मगढ़ के जबकि उनके दौर में गिरफ्तार किए गए तारिक-ख़ालिद की गिरफ्तारी को न सिर्फ निमेष आयोग ने संदिग्ध बताया था बल्कि इनके समेत अन्य दोषी पुलिस वालों जिन्होंने फर्जी गिरफ्तारी दिखाई थी उनपर कार्रवाई की बात कही थी. उन्होंने आशंका जताई कि आज़मगढ़ में मोदी की रैली होने वाली है और इसके पहले आतंकवाद के नाम पर लोगों को उठाकर 2019 के चुनाव के लिए ध्रुवीकरण कराये जाने की साजिश है.