दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और दुनिया के मौजूदा सबसे बड़े सनकी शासनाध्यक्ष उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन ने बहुप्रतीक्षित शिखर बैठक सिंगापुर में कर ली। दोनों नेताओं ने मुलाकात के बाद कहा कि दुनिया शीघ्र ही अच्छा बदलाव देखेगी। ऐतिहासिक मुलाकात के बाद मीडिया के सामने आये दोनों नेताओं में से पहले किम जोंग ने कहा कि हमारी बातचीत के बाद दुनिया एक बड़ा बदलाव देखेगी। इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा कि दुनिया बड़ा बदलाव देखेगी। उन्होंने इस शिखर वार्ता को सम्पन्न कराने के लिए, इसकी तैयारियां करने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों को धन्यवाद दिया। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हम दोनों मिलकर अच्छा करना चाहते हैं, यह उम्मीद से ज्यादा अच्छी मुलाकात रही। इस मुलाकात के नतीजों से दुनिया खुश होगी। किम जोंग की तारीफ करना भी अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं भूले। इस शिखर वार्ता की तारीख और स्थान तय हो जाने के बाद ही किम जोंग ने शिखर वार्ता रद्द करने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा कि यह शिखर वार्ता नहीं होगी। बहरहाल, प्रयास होते रहे और ऐतिहासिक शिखर वार्ता सम्पन्न हुई।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच होने वाली शिखर वार्ता पर दुनिया भर की निगाहें टिकी थीं। इस बीच व्यवधान के काले बादल भी घिरे लेकिन 12 जून को सिंगापुर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल सेंटोसा के एक लग्जरी होटल में इन दोनों नेताओं की वार्ता हुई। दोनों नेता जब यहां मिले तो एक दूसरे का अभिवादन किया। इससे पहले दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को नष्ट करने की धमकी दी थी और बहुत कुछ ऐसा कहा था जिसे इस अवसर पर दोहराना अच्छा नहीं लगता। इसके बावजूद सभी उन तस्वीरों को नजर गड़ाकर देख रहे थे जब मेंटोसा के होटल परिसर में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग पहुंचे। अमेरिकी और उत्तर कोरियाई ध्वजों के बीच दोनों नेता एक दूसरे की तरफ बढ़े और एक-दूसरे का हाथ थाम लिया। किम जोंग हाथ थामे ही थे कि डोनाल्ड ट्रम्प ने दूसरा हाथ उनके कंधे पर रख दिया। यह अमेरिका के राष्ट्रपति की संस्कृति के अनुकूल ही कहा जाएगा। उन्होंने अपना बड़प्पन यहां भी कायम रखा। उत्तर कोरिया के किम जोंग उन पर इसका बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा और उन्होंने ही बातचीत का क्रम शुरू किया। इसीलिए कहा जाता है कि संवाद कई प्रकार के होते हैं। शब्दों के माध्यम से हम जिस प्रकार संवाद करते हैं, उसी तरह शरीर के माध्यम से भी संवाद हो जाते हैं। दोनों नेताओं के हाथ मिले तो यह पहला संवाद था और फिर जब डोनाल्ड ट्रम्प ने किम जोंग के कंधे पर हाथ रखा तो यह ट्रम्प की तरफ से संवाद हुआ था और उसका जवाब किम जोंग ने शब्दों के माध्यम से दिया। किम के यह शब्द इतने अच्छे थे कि डोनाल्ड ट्रम्प मुस्करा दिये।
किम जोंग ने हाथ मिलाने के बाद कहा ‘आपसे मिलकर अच्छा लगा मिस्टर प्रेसिडेन्ट। इसके जवाब में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। हम एक शानदार चर्चा करेंगे और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध स्थापित होने वाले हैं। अब किम जोंग की बारी थी। किम ने कहा कि यहां आना आसान नहीं था, कुछ बाधाएं थीं, हमने उन्हें पराजित किया और आज हम यहां हैं। इसके साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने और कोरियाई प्रायद्वीप में में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के उद्देश्य से दोनों नेताओं के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता की शुरुआत हुई। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच हुए समझौते की फाइलों पर दोनों नेताओं के दस्तखत कर उनका आदान प्रदान किया। दोनों नेताओं ने मीडिया से कहा कि दुनिया एक बड़ा बदलाव देखेगी। दुनिया को उत्तर कोरिया के तानाशाह की धमकी से डर लग रहा था क्योंकि परमाणु युद्ध होना सिर्फ कोरियाई प्रायद्वीप ही नहीं पूरी दुनिया के लिए खतरा था। अब माना जा रहा है कि परमाणु निस्त्रीकरण की दिशा में सार्थक प्रयास किम जोंग शुरू करेंगे। किम जोंग और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच वार्ता हुई और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति की संभावना भी बलवती हुई है लेकिन दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी रणनीति भी दिखाई है। किम जोंग ने दिखाया कि वह कितने सुरक्षित हैं। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन को लोग तानाशाह कहते हैं। क्योंकि, वह अपने अलग ही अंदाज में सब कुछ करता है। परमाणु हथियारों का परीक्षण हो या फिर मिसाइल छोड़कर पड़ोसी मुल्कों को डराना। किम जो करता है वह दुनिया देखती है। लेकिन, दूसरों को डराने वाला किम खुद बहुत डरपोक है। ऐसा हम नहीं बल्कि उसके पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया की एक एजेंसी का दावा है। उसकी हाई टेक सिक्योरिटी के पीछे भी कई रहस्य हैं। वह मुस्कुराता है, वह चिढ़ाता है, वह धमकाता है और अपनी सुरक्षाकर्मियों को अपनी कार के पीछे भगाता है, यही वजह है कि लोग उसे तानाशाह कहते हैं।सिंगापुर जाने में भी इसीलिए तीन विमान प्रयोग किये गये। सिंगापुर में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन की कार के पीछे उनके सुरक्षाकर्मियों को दौड़ते-भागते देखा। यह पहली बार नहीं था। दक्षिण कोरिया में भी राष्ट्रपति मून जे-इन से मिलने पहुंचे किम के सुरक्षाकर्मी ऐसे ही उसकी कार के ईर्द-गिर्द दौड़ते दिखाई दिए थे। कहा जाता है कि जब भी देश के नेता की सुरक्षा की बात आती है तो उत्तर कोरिया कोई कसर नहीं छोड़ता। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन को तीन श्रेणियों में सुरक्षा दी जाती है। सिंगापुर में उनकी सुरक्षा के लिए ब्लैक सूट में गार्ड्स दौड़ते नजर आए। ये गार्ड्स उनकी बुलेटप्रूफ कार के साथ-साथ दौड़ रहे थे। किम किस विमान से गये, यह किसी को पता नहीं था। इसी प्रकार डोनाल्ड ट्रम्प भी अपना वैभव दिखाने से नहीं चूके। सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को अपनी लिमोजीन कार ‘द बीस्ट’ का अंदर से दीदार कराया। दोनों नेता यहां कपेला होटल में ऐतिहासिक वार्ता के बाद गैलरी में टहल रहे थे तभी वे टहलते-टहलते आठ टन वजनी बुलेटप्रूफ लिमोजीन के पास पहुंचे। इस कार का नाम ‘द बीस्ट’ है। ट्रंप ने सीक्रेट सर्विस एजेंट से गाड़ी का दरवाजा खोलने का इशारा किया। जब दोनों नेता खड़े बातें कर रहे थे तब किम मुस्कुरा रहे थे और फिर किम ने कार के अंदर झांककर देखा। अमेरिकी राष्ट्रपति की लिमोजिन ‘बीस्ट’ काडिल्लिक डीटीएस पर आधारित है। इसमें आठ इंच मोटा बख्तरबंद कवच है और इसकी खिड़कियां पांच इंच मोटी हैं जो राष्ट्रपति को रसायन हमले समेत किसी भी प्रकार के हमले से बचाती है। इसके दरवाजों का वजन बोइंग 757 विमान जितना है। कार के पहिये पंचर नहीं हो सकते हैं। पहियों में लगी स्टील रिम की बदौलत टायर के क्षतिग्रस्त होने पर भी कार की रफ्तार कम नहीं होती। इस प्रकार डोनाल्ड ट्रम्प ने किम को बताया कि हम इक्कीस हैं। (हिफी)
