जागरुकता से होगी नशामुक्ति: राष्ट्रपति
नई दिल्ली। अन्तरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि नशीले पदार्थों और शराब के व्यसन की समस्या न केवल व्यक्ति, परिवार और समाज को प्रभावित करती है बल्कि यह स्वास्थ्य, संस्कृति, विकास और राजनीति सहित अनेक क्षेत्रों पर असर डालती है। श्री कोविन्द ने मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद यहां आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह समस्या गरीबी को तो बढ़ाती ही है साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा, मानवीय संसाधनों और लोक-कल्याण के लिए एक चुनौती है। संविधान के अनुच्छेद 47 में भी प्रावधान किया गया है कि ‘राज्य मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक औषधियों के उपभोग का निषेध करने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए कई कानून हैं लेकिन प्रभावी समाधान के लिए समाज और समुदायों की सक्रिय भागीदारी होना है। समाज की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करने में आज के इन राष्ट्रीय पुरस्कारों की विशेष भूमिका है। अवैध मादक पदार्थों के दुरुपयोग से लोगों के स्वास्थ्य के लिए भारी चुनौतियां पैदा हो रही हैं। खासकर युवा पीढ़ी और स्कूल में पढने वाले बच्चों पर इस खतरे का अधिक बुरा असर पड़ता है। अक्सर युवाओं तथा बच्चों द्वारा साथियों के दबाव में अवैध मादक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे युवाओं में इन पदार्थों से होने वाली हानि के बारे में जागरूकता भी नहीं होती है।
आपातकाल की यातनाएं बतायीं
देहरादून। आपातकाल की 43 वीं वर्षगांठ पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ संघर्ष देश में आजादी की दूसरी लड़ाई थी। इस लड़ाई में लाखों लोगों ने भाग लिया और कई प्रकार से यातनाएं भी सही। इस दौरान कई लोग शहीद भी हो गए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आपातकाल कांग्रेस के चरित्र का प्रमाण है। इतिहास बताता है कि कांग्रेस ने सत्ता में रहने के लिए हमेशा हर प्रकार के प्रपंच किए। यहां तक कि इंदिरा गांधी के चुनाव को जब न्यायालय ने अवैध घोषित कर दिया तो उन्होंने न्यायालय के निर्णय का सम्मान करने के स्थान पर देश में आपातकाल लगा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा सत्ता का खेल करती है और इसके लिए वह किसी भी सीमा तक जा सकती है। आज भी वह सत्ता के लिए हर प्रकार के षडयंत्र और समाज में अलगाव पैदा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता सब जानती है। अजय भट्ट ने आपातकाल के समय संघर्ष करने वाले सेनानियों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कहा कि इन सेनानियों को इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।
जयराम करेंगे सिंथेटिक ड्रग्स का सफाया
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सिंथेटिक ड्रग प्रदेश के लिये खतरनाक है। रिज पर श्री ठाकुर ने यह बातें मादक पदार्थ निषेध दिवस पर कार्यक्रम के दौरान कही। इस अवसर पर जागरूकता रैली को रवाना किया। मालरोड पर पुलिस नियंत्रण कक्ष के बाहर एलईडी स्क्रीन का शुभारंभ किया इसमे कई तरह की जानकारी जिसमे आपराधिक मामले और विभिन्नसरकारी कार्यक्रम देख सकेंगे। प्रदेश में बीते लंबे अरसे से सिंथेटिक ड्रग का कारोबार बढ़ रहा है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सिंथेटिक ड्रग के बढ़ते प्रचलन को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिंथेटिक ड्रग के कारोबार में शामिल लोगों को पकड़कर युवाओं को नशे की गिरफ्त में जाने से रोका जाये। पुलिस द्वारा इसे रोकने के लिए कार्यवाही की जा रही है उसे और सख्ती से लागू करने की जरूरत है। इस दलदल में गिरने से बचा जा सकता है।
शराब बंदी कानून में संशोधन होगा
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक विधानमंडल के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के जिन प्रावधानों का दुरुपयोग हो रहा है उसमें संशोधन होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि शराबबंदी के निर्णय से कोई समझौता नहीं करेंगे। इस कानून के एक-एक पहलू की समीक्षा हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अंतराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस (26 जून) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से लागू है। इसके बाद भी कुछ लोग मानने को तैयार नहीं है। जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं। बेगूसराय में तो हॉस्पिटल में इस्तेमाल होने वाला स्प्रिट पीकर लोग मर गए। कुछ लोग इसे शराबबंदी की विफलता कह रहे हैं। यह शराबबंदी की विफलता नहीं है। लोग जहरीली शराब और स्प्रिट पीकर मर रहे हैं। यह चिंता की बात है। सरकार लोगों को इसके लिए जागरूक करेगी। लोगों को बताया जाएगा कि मिलावटी शराब और स्प्रिट पीने का क्या अंजाम होता है। इसका प्रचार किया जाएगा। नीतीश ने कहा कि कुछ लोगों को शराबबंदी पसंद नहीं है। वे इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता के रूप में देखते हैं। शराब पीना कोई पर्सनल लिबर्टी नहीं है। शराबबंदी की सफलता से ऐसे लोगों को तकलीफ हो रही है, जब भी कोई घटना होती है कुछ लोग इसे शराबबंदी से जोड़ देते हैं। यह गलत है। सीएम ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू करना आसान न था। इसके लिए सरकारी स्तर पर काफी प्रयास किए गए। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से शराब के धंधेबाजों पर नकेल कसी जा रही है। (हिफी)
