स्वप्निल संसार। ज़रीना वहाब ने हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल, तेलुगु फिल्मों में भी अभिनय किया है । ज़रीना वहाब का जन्म 17 जुलाई 1959 में विशाखपटनम में हुआ था। ज़रीना वहाब हिंदी के अलावा, तेलुगु, उर्दू और अंग्रेजीं भाषा का पूरा ज्ञान रखतीं हैं। उनकी दो बहनें और एक भाई है। ज़रीना वहाब ने एफटीआईआई पुणे से अभिनय का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। ज़रीना वहाब ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म इश्क इश्क इश्क से की थी जो कुछ खास नहीं रही। हिंदी सिनेमा में ज़रीना वहाब को पहचान फिल्म चितचोर से मिली। चितचोर में ज़रीना वहाब के अभिनय की लोगों ने बेहद तारीफ़ की। इसके बाद वह फिल्म जज्बात में राज बब्बर के संग दिखाई दी , ज़रीना वहाब को फिल्म घरौंदा के लिए फिल्म फेयर के बेस्ट एक्ट्रेस का नॉमिनेशन भी मिल चुका है। ज़रीना वहाब की शादी अभिनेता आदित्य पंचोली से हुई है। इनके बेटा और एक बेटी है। बेटी का नाम सना पंचोली है। बेटे का नाम सूरज पंचोली है। 1986 में फिल्म ‘कलंक का टीका’ में अभिनेता आदित्य पंचोली के साथ स्क्रीन शेयर करते समय ज़रीना बहाब को उनसे प्यार हो गया। उस समय इस इंडस्ट्री में आदित्य पंचोली न्यू कमर थे। इसके बाद दोनों ने अपनी इस पहली मुलाकात के 20 दिनों बाद शादी कर ली ज़रीना बहाब आदित्य से 6 साल बड़ी हैं। शादी के बाद ज़रीना बहाब ने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया । आदित्य पंचोली अपनी फिल्मों से कम बल्कि अपने गुस्से की वजह से ज्यादा चर्चाओं में रहते हैं।
मलयालम फिल्म ‘अदामिंते मकन अबू‘ के लिए नेशनल अवॉर्ड और फिल्म ‘माई नेम इज खान’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग रोल का द ग्लोबल इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन ऑनर अवॉर्ड भी मिल चुका हैं. जोकि एक अभिनेता है। ज़रीना वहाब ने फ़िल्मी दुनिया से ब्रेक लेकर अपने परिवार को सँभालने लगी। उसके बाद 2009 में ज़रीना वहाब ने मलयालम मूवी कैलेंडर से धमाकेदार कमबैक किया। ज़रीना वहाब ने 2004 में फिल्म ‘दिल मांगे मोर’ से कमबैक किया, इसके अलावा वह हिंदी फिल्म माय नेम इस खान में भी दिखाई दी थीं। इस फिल्म में उन्होंने शाहरुख़ खान की माँ का किरदार निभाया था।निर्देशक करण जौहर की मां हीरू जौहर जरीना वहाब को बेहद पसंद करती हैं। इसलिए अपनी मां के कहने के बाद करण ने फिल्म ‘माई नेम इज खान’ में जरीना को शाहरुख खान की मां की भूमिका निभाने के लिए कहा था। जिसको उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘अग्निपथ’ में ऋतिक रोशन की मां का किरदार निभाया । जरीना वहाब फिल्मों के अलावा टेलीविजन इंडस्ट्री की भी मशूहर अभिनेत्री हैं। इन्होंने 2007 में ‘मायका’ से इस इंडस्ट्री में कदम रखा और 10 लोकप्रिय सीरियल्स में अब तक अभिनय कर चुकी हैं।‘मायका’, ‘जारा’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘यहां मैं घर-घर खेली’, ‘विरुद्ध’, ‘मधुबाला: एक इश्क एक जुनून’, ‘एक किरण रोशनी की’, ‘एफआईआर’, ‘सजदा तेरे प्यार में’ और ‘मेरी आवाज ही पहचान है।
अनोखा’ (1975), ‘चितचोर’ (1976), ‘घरोंदा’ (1977), ‘अगर…इफ’ (1977), ‘तुम्हारे लिए’ (1978), ‘अनपढ़’ (1978), ‘सावन को आने दो’ (1979), ‘नैया’ (1979), ‘गोपाल कृष्णा’ (1979), ‘सितारा’ (1980), ‘रूही’ (1981), ‘एक और एक ग्यारह’ (1981), ‘चोर पुलिस’ (1983), ‘हम नौजवान’ (1985), ‘दहलीज’ (1986), ‘अमृत’ (1986), ‘तूफान’ (1989), ‘किस्ना : द वॉरियर पोएट’ (2005), ‘माई नेम इज खान’ (2010), ‘रक्तचरित्र’ (2010), ‘अग्निपथ’ (2012), ‘आई, मी, और मैं’ (2013), ‘हिम्मतवाला’ (2013), ‘क्लब 60’ (2013), ‘दिल धड़कने दो’ (2015) और ‘चॉक एंड डस्टर’ (2016)।