नई दिल्ली। भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को स्मृति स्थल पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया, जहां लाखों लोगों ने अश्रु पूरित नेत्रों से उनको अंतिम विदाई दी। यहां पर राष्ट्रीय सम्मान के साथ अटल जी का अंतिम संस्कार किया गया। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ कई देशों के नेताओं ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये। बेटी नमिता ने मुखाग्नि दी।
इससे पूर्व अटल जी के पार्थिव शरीर को दिल्ली के भाजपा कार्यालय में रखा गया जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। अटल जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए देश के सभी प्रांतों से लोग पहुंचे थे और दो-तीन घंटे तक प्रतीक्षा करके श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
इसके पश्चात महान नेता की शव यात्रा स्मृति स्थल की तरफ रवाना हुई। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों की भीड़ भाजपा कार्यालय से स्मृति स्थल के मार्ग पर लगी हुई थी। शव यात्रा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेता पैदल चल रहे थे। रास्ते में खड़े लोग अपने हाथ में लिये गुलाब के फूलों की पंखुडिय़ों को अपनी श्रद्धा के रूप में अर्पित कर रहे थे। श्री मोदी, अमित शाह और अन्य नेताओं के चेहरे खामोश थे लेकिन भाव यही दिख रहे थे कि आज हमने बहुत ही कीमती सम्पत्ति खो दी है। (हिफी)
यूपी की हर नदी में प्रवाहित होंगी अटल की अस्थियां : योगी
लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली के एम्स में 16 अगस्त की शाम निधन हो गया। वाजपेयी के निधन से देशभर में शोक की लहर है। केंर्द सरकार की ओर से दुख की इस घड़ी में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है वहीं देश के कई राज्यों में भी राजकीय शोक का ऐलान किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। यूपी से वाजपेयी का गहरा नाता रहा है और इसी राज्य को उनकी कर्मभूमि कहा जाता है। वह लखनऊ से सांसद रहे और यूपी में बीजेपी को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में वाजपेयी का अहम योगदान है। यही वजह है कि वाजपेयी के सम्मान में राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेजों को 17 अगस्त को बंद रखने का फैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा दु:ख हुआ। भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है।
अटल बिहारी वाजपेयी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। वाजपेयी जी भारतीय राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को प्राथमिकता देने वाले, स्वतंत्र भारत के ढांचागत विकास के दूरदृष्टा थे। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटल जी जैसा विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी घोषणा की कि वाजपेयी के पैतृक स्थान बटेश्वर, शिक्षा क्षेत्र कानपुर, प्रथम संसदीय क्षेत्र बलरामपुर और कर्मभूमि लखनऊ में उनकी स्मृतियों को जिंदा रखने के लिए विशिष्ट कार्य किये जाएंगे। साथ ही उनकी अस्थियां हर जिले की पवित्र नदियों में प्रवाहित की जाएंगी। वाजपेयी के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को कृष्णा मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर रखा गया था जहां नेताओं और अन्य हस्तियों का तांता लग गया। शुक्रवार को सुबह 9 बजे वाजपेयी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित बीजेपी मुख्यालय लाया गया। इसके बाद दोपहर एक बजे यहां से राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक वाजपेयी की अंतिम यात्रा निकाली गयी। इस यात्रा में बीजेपी के दिग्गज नेताओं समेत हजारों कार्यकर्ता और आम जनता शामिल हुई। शाम 4.45 बजे स्मृति स्थल पर वाजपेयी का अंतिम संस्कार किया गया। (हिफी)