लखनऊ, (यूएनएस)। देवरिया बालिका आश्रय गृह कांड में बच्चियों के साथ दरिंदगी की खबर सामने आने के बाद यूपी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर देवरिया के डीएम सुजीत कुमार को हटा दिया गया है। जबकि डीपीओ प्रभात कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। इस पूरे मामले की जांच के लिए यूपी सरकार ने महिला व बाल कल्याण की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार को दो दिन में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। इसी के साथ पूरे प्रदेश के सभी जिलों में शेल्टर होम की जांच के आदेश दिए गए हैं। डीएम व एसपी की अगुवाई में यह जांच की जाएगी। बिहार के मुजफ्फरपुर के बाद अब यूपी के देवरिया में एक बलिकागृह में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा किया है। किसी तरह दरिंदों की चंगुल से छूट एक बच्ची थाने पहुंची तो मामला सामने आया। इसके बाद हुई कार्रवाई में 24 बच्चियों व महिलाओं को वहाँ से छुड़ाया गया। जबकि 18 बच्चियां अभी भी लापता हैं। पुलिस ने देर रात कार्रवाई करते हुए। बालिका गृह संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उनके पति सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार मान्यता रद होने के बाद बालिका गृह का संचालन हो रहा था। मां विंध्यवासिनी महिला शिक्षण प्रशिक्षण व समाज सेवा संस्थान द्वारा देवरिया में बाल गृह बालिका, बाल गृह शिशु सहित कई गतिविधियां संचालित की जा रही थी। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संस्था की मान्यता रद कर दी थी। इसके बावजूद संस्थान द्वारा बालिका गृह संचालित किया जा रहा था। रविवार को इस संस्था से भाग कर बेतिया बिहार की रहने वाली एक बच्ची प्रताडऩा से तंग आकर किसी तरह भाग कर महिला थाने पहुंची। उसने अपनी आपबीती पुलिस को सुनाई। महिला थाने से एसपी को जानकारी दी गई। एसपी ने तत्काल कार्रवाई को निर्देश दिया। देर रात में ही फोर्स के साथ बालिका गृह में छापेमारी हुई। इस छापेमारी में 24 बच्चियों व महिलाओं को मुक्त कराया गया। एसपी रोहित पी कनय ने बताया कि बच्चियों की उम्र 15 से 18 साल है। इन्होंने बातचीत में बताया कि इनसे गलत कृत्य कराया जा रहा है। रिकॉर्ड के अनुसार अभी भी 18 बच्चियां गायब हैं। उन्होंने बताया कि इस गृह की अधिक्षिका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, मोहन किशोर त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है। बच्चियों ने बताया कि दीदी लोगों को लेने के लिए रात में कार आती थी। जब वह लोग वापस आती थी बहुत रोते हुए आती, पूछने पर कुछ नहीं कहती। बच्चियों ने बताया कि उनसे बहुत काम लिया जाता था, पोछा भी लगाया जाता था। नहीं करने पर मारा पीटा जाता था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है।
