- संजोग वॉल्टर। सबसे ज्यादा 17 बार ध्वजारोहण का अवसर प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को मिला,उनकी पुत्री इंदिरा गाँधी ने भी इस धरोहर पर 16 बार ध्वजारोहण किया। नेहरू जी ने सबसे पहले 1६ अगस्त 1947 को लाल किले पर ध्वजारोहण किया।
भारत के इतिहास में गुलजारीलालनंदा और चंद्रशेखर ऐसे नेता रहे जो प्रधानमंत्री तो बने लेकिन उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करने का एक भी बार मौका नहीं मिल सका। नेहरू जी के निधन के बाद 27 मई 1964 को नंदा जी प्रधानमंत्री बने लेकिन उस वर्ष 15 अगस्त आने से पहले ही नौ जून 1964 को वह पद से हट गए और उनकी जगह लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने।
नंदा जी 11 से 24 जनवरी 1966 के बीच भी प्रधानमंत्री पद पर रहे। इसी तरह चंद्रशेखर 10 नवंबर 1990 को प्रधानमंत्री बने लेकिन 1991 के स्वतंत्रता दिवस से पहले ही उस वर्ष 21 जून को पद से हट गए।
नेहरू जी के बाद सबसे अधिक बार जिस प्रधानमंत्री ने लाल किले पर ध्वजारोहण किया,वह इंदिरा जी ही रहीं। इंदिरा जी 1966 से लेकर 24 मार्च 1977 तक और फिर 14 जनवरी 1980 से लेकर 31 अक्टूबर 1984 तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं। बतौर प्रधानमंत्री अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने 11 बार और दूसरे कार्यकाल में पाँच बार लाल किले पर ध्वजारोहण किया ।
सबसे कम बार ध्वजारोहण करने का मौका चौधरी चरणसिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980, विश्वनाथ प्रताप सिंह दो दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990, एचडी देवेगौड़ा एक जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 और इंद्र कुमार गुजराल 21 अप्रैल 1997 से लेकर 28 नवंबर 1997 को मिला। इन सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने एक-एक बार 15 अगस्त को लाल किले पर ध्वजारोहण करने का मौका मिला । नौ जून 1964 से लेकर 11 जनवरी 1966 तक प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री और 24 मार्च 1977 से लेकर 28 जुलाई 1979 तक प्रधानमंत्री रहे मोरारजी देसाई को दो- दो बार यह सम्मान हासिल हुआ। स्वतंत्रता दिवस पर पाँच या उससे अधिक बार ध्वजारोहण करनेे का मौका नेहरू जी और इंदिरा गाँधी के अलावा राजीव गाँधी, पीवी नरसिंह राव,अटल बिहारी बाजपेयी और मन मोहन सिंह को मिला है। राजीव 31 अक्टूबर 1984 से लेकर एक दिसंबर 1989 तक और नरसिंह राव 21 जून 1991 से 10 मई 1996 तक प्रधानमंत्री रहे। दोनों को पाँच-पाँच बार ध्वजारोहण का मौका मिला।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार का नेतृत्व कर चुके अटल बिहारी बाजपेयी 19 मार्च 1998 से लेकर 22 मई 2004 के बीच प्रधानमंत्री रहे तो उन्होंने कुल छह बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया ।
एक जून 1996 को भी प्रधानमंत्री बने लेकिन 21 अप्रैल 1997 को ही उन्हें पद से हटना पड़ा था। 2004 के आम चुनाव में राजग की हार के बाद संप्रग सत्ता में आया और मनमोहन ने 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी । वह 10 बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर ध्वजारोहण कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी अब तक 05 बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर ध्वजारोहण कर चुके हैं।