उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री महन्त योगी आदित्यनाथ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ब्रज-विकासोत्सव का दीप प्रज्जलित कर किया शुभारम्भ-पूजा करे प्रदूषण नहीं, तीर्थ बना रहे तीर्थ –तीर्थ, तीर्थ बना रहे यही पूजा है-ग्रान्ड प्लान से पहले ग्राउण्ड प्लान नितांत आवश्यक-बन्दगी के स्थान पर गन्दगी नही
प्रकृृति और प्राणियों के मध्य कोई अनुबंध नहीं बल्कि एक सम्बंध हैं-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश/ मथुरा। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री महन्त योगी आदित्यनाथ, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने ’’ब्रज-विकासोत्सव’’ में सहभाग किया तथा सभी ने श्री कृष्ण मन्दिर जाकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन किये। तत्पश्चात सभी विशिष्ट अतिथियों ने झांकी स्थल जाकर झंाकियों का अवलोकन कर उसे प्रथम तीन झांकियों को पुरस्कृत किया। साथ ही नगर निगम के साॅलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट के वाहनों का फ्लैग आॅफ, आश्रय सदन की माताओं द्वारा निर्मित सुगन्ध उत्पादों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत श्री कृृष्ण जन्माष्टमी लीला का प्रस्तुतिकरण किया गया तत्पश्चात सभी विशिष्ट अतिथियों ने वृक्षारोपण किया।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री महन्त योगी आदित्यनाथ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने ’’ब्रज-विकासोत्सव’’ का दीप प्रज्जलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर पी एच डी चैम्बर आॅफ कामर्स एवं इण्डियन योगा एसोसियेशन द्वारा उत्तरप्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मध्य एम ओ यू का आदान प्रदान किया गया।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री महन्त योगी आदित्यनाथ , परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती , स्वामी गुरूशरणानन्द, विजय कौशल महाराज, पर्यटन मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा, सांसद मथुराहेमामालिनी, धर्मार्थ एवं संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा, अध्यक्ष इण्डियन योगा ऐसोसिएशन डाॅ एच आर नागेन्द्र, अक्षयपात्र के चेयरमैन मधुपन्डित दास, अयोध्या से आये स्वामी नृत्य गोपाल एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने ब्रज-विकासोत्सव में किया सहभाग
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री महन्त योगी आदित्यनाथ ने हरित कुम्भ, नदियों की स्वच्छता, नदियों में गिरते नालों के जल को स्वच्छ करना, नदियों के तटों पर वृक्षारोपण के विषय में चर्चा की।
स्वामी जी महाराज ने ऋषिकेश स्थित चन्द्रभागा नाले पर लगायी गयी जल स्वच्छ करने की तकनीक के विषय में जानकारी प्रदान की और कहा कि नदियों में गिरते नालों के जल को स्वच्छ करने के लिये ग्राण्ड प्लान तो जरूरी है परन्तु जब तक हमारे पास सुचारू ग्राण्ड प्लान नहीं है तब तक हमें ग्राउण्ड प्लान को लागू करना बेहतर विकल्प है। ग्राण्ड प्लान दीर्घकालीन प्लान है किन्तु अभी हमें तत्कालीन ग्राउण्ड प्लान जो टिकाऊ हो, सुचारू हो और सस्ता हो उस पर कार्य करना होगा इससे भी हम बढ़ते प्रदूषण को कम कर सकते है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र को तीर्थ बनाये रखने के सबसे पहले नदियों में गिरते नालों की व्यवस्था करना नितांत आवश्यक है।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि भारत, तीर्थ स्थलों से समृृृद्ध राष्ट्र है अतः बन्दगी के स्थान पर गन्दगी न करे, पूजा करे प्रदूषण नहीं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ’’पूरी सृष्टि में कोई भी प्राणी निराश्रित नहीं है। प्रकृति सभी प्राणियों की रक्षक है। प्रकृृति और प्राणियों के मध्य कोई अनुबंध नहीं बल्कि एक सम्बंध है; प्रकृति, मनुष्य की रक्षक है परन्तु कई बार देखने को मिलता है कि मनुष्य प्रकृति का भक्षक भी होता जा रहा है। उन्होने कहा कि औद्योगीकरण, बाजारवाद, साम्राज्यवाद एवं उपनिवेशवाद के कारण एक मानव को दूसरे के सामने लाकर खडा कर दिया है। आज मनुष्य संयुक्त परिवारवादी संस्कृति को छोड़कर एकल परिवार की ओर बढ़ रहा है। अगर हम इतिहास के पन्नों को पलट कर देखे तो पायेंगे कि हमारे सम्बंध शान्ति और सौहार्द्रपूर्ण थे, हमारे सम्बन्धों में प्रगाढ़ता थी। परन्तु आज भागदौड़ भरी जिंदगी में धन तो संचय हो जाता है परन्तु रिश्ते कहीं खो जाते है और फिर वहीं से आश्रय सदन जैसे स्थानों का जन्म होता है अब हमें आश्रय सदन को एक परिवार की तरह विकसित करना होगा।
इस अवसर पर स्वामी जी महाराज ने उपस्थित सभी को आपस मंे शान्ति और सौहार्द्रपूर्ण रिश्ते को विकसित करने का संकल्प कराया तथा मुख्यमंत्री को पौधा भेंट किया । ंस्वामी जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश आंमत्रित किया।