परमार्थ निकेतन में आयोजित ’योग कोर्स’ प्रशिक्षण शिविर का समापन
कई देशों से आये योग साधकों ने किया सहभाग
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण का लिया संकल्प
योग, जीवन को जाग्रत एवं जीवंत बनाता है – स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन आश्रम में एक सप्ताह से संचालित योग कोर्स प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। योग प्रशिक्षण शिविर में विश्व के अनेक देशों से आये योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया। परमार्थ निकतन में योग जिज्ञासुओें ने संचालित ध्यान, आयुर्वेद, प्राणायाम एवं भारतीय संस्कृति, दर्शन, गीता व अध्यात्म पर होने वाले सत्संग का लाभ लिया।
योग कोर्स प्रशिक्षण शिविर में श्रीमती पारूल के नेतृत्व में भारत सहित विश्व के लगभग अनेक देशों यथा स्वीडन, फ्रांस, मलेशिया, फिजी, इटली, अमेरिका, यूके, एवं नार्वे से आये योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया। योग जिज्ञासुओं ने साध्वी आभा सरस्वती जी एवं योगाचार्य डाॅ इन्दू शर्मा जी के निर्देशन में योग एवं प्राणायाम की विभिन्न विधाओं को आत्मसात किया।
योग शिविर के समापन अवसर पर योग जिज्ञासुओं को परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
योग जिज्ञासुओं ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त कर योग, भारतीय संस्कृति, दर्शन एवं अध्यात्म से सम्बंधित अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। स्वामी जी ने योग साधकों से आहृवान किया कि अब समय आ गया है स्वयं के स्वास्थ्य से पहले प्रकृति के बारे में चिंतन करने का क्योंकि प्रदूषित होता पर्यावरण हमें स्वस्थ एवं निरोग जीवन नहीं दे सकता अतः आप सब अपने वतन वापस जाकर वृक्षारोपण एवं जैविक जीवन को अपनाये तथा दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने उपस्थित सभी योग साधकों को सम्बोधित करते हुये कहा ’योग, जीवन को जाग्रत और जीवंत बनाता है। उन्होने कहा कि दुनिया में अनेक क्रान्तियाँ हुई परन्तु आज के युवाओं को मिलकर और एक क्रान्ति करना है वह क्रान्ति है ’पर्यावरण संरक्षण’। आज के युवाओं को पर्यावरण चिंतक बनना होगा; पर्यावरण क्रान्तिकारी; प्रकृति के पहरेदार बनना होगा। प्रदूषित होता पर्यावरण एक वैश्विक समस्या है तो समाधान भी वैश्विक बन्धुत्व को साथ हो; सब मिलकर इस ओर चिंतन करें और कार्य करे तो बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते है।’
योग जिज्ञासुओं ने विश्व के सभी लोगों को स्वच्छ जल की उपलब्धता होती रहे इसी भाव से स्वामी जी एवं साध्वी भगवती सरस्वती जी के साथ वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी में सहभाग किया। पूज्य स्वामी जी ने सभी को वृक्षारोपण, पर्यावरण एवं जल स्रोतों को संरक्षित एवं स्वच्छ रखने का संकल्प कराया।
योग कोर्स प्रशिक्षण शिविर में आये ए एस गिल, बेनानुरू, ऐलिजाबेथ, जाओ बी, जसप्रीत, डेनिस ने कहा कि योग एवं प्राणायाम के साथ परमार्थ गंगा आरती अत्यंत ऊर्जा प्रदान करने वाली है। आरती एवं संकीर्तन में हम इतने मग्न हो जाते है कि लगता है स्व से उपर उठकर परमात्मा में लीन हो गये हो। मारिया ने कहा कि मैने पहली बार परमार्थ योग प्रशिक्षण में सहभाग किया यह अत्यंत शान्ति दायक स्थान है।
कई देशों से आये सभी योग जिज्ञासुओं का एक ही भाव की स्वर्गाश्रम क्षेत्र सचमुच स्वर्ग है और परमार्थ निकेतन की गंगा आरती दिव्यता से युक्त है। यहां की गंगा आरती में बैठना ऐसा एहसास कराता है जैसे कि हम स्वर्ग में बैठकर गंगा आरती कर रहे हो और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा हो। साध्वी भगवती सरस्वती जी के सत्संग में बैठकर सचमुच जीवन की सारी शंका और चिंता दूर हो जाती है तथा जीवन के संदेह नष्ट हो जाते है, हमारे पास जितने प्रश्न थे उनका समाधान बहुत ही सरल, सहज और सरस भाषा में प्राप्त हुआ।