पुण्य तिथि पर विशेष –
नरेंद्र चंचल प्रसिद्ध गायकों में थे। मुख्य रूप से उन्हें माता के भजन गायक के रूप में जाना जाता था। नरेंद्र चंचल ने बहुत-से भजन और हिंदी फिल्म में गीत गाए थे। उनके गीत के बिना हर दुर्गा पूजा अधूरी होती थी। पूरे उत्तर भारत में उनका बड़ा नाम था। नरेंद्र चंचल की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अमिताभ बच्चन से लेकर शोमैन राज कपूर की फिल्मों के लिए भी गाने गाए। फ़िल्म बेनाम में गाया गया उनका गीत मैं बेनाम हो गया आज भी लोग पसंद करते हैं। इस फिल्म के गाने में नरेंद्र चंचल भी थे। राजेश खन्ना और शबाना आज़मी अभिनीत फिल्म अवतार में महेंद्र कपूर और आशा भोंसले के साथ नरेंद्र चंचल का गाया गीत चलो बुलाया आया है माता ने बुलाया है माता की बेहद प्रसिद्ध भेंटों में शु्मार है। नरेंद्र चंचल पिछले कई दशकों से कीर्तन और जगरातों की दुनिया में सक्रिय थे। नरेंद्र चंचल का जन्म 16 अक्टूबर, 1940 को अमृतसर के पंजाबी परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम कैलाशवती और पिता का नाम चेतराम खरबंदा था। उन्होंने 1976 में नम्रता से विवाह किया। उनके दो बेटे और एक बेटी है। अपनी माता की वजह से नरेंद्र चंचल की भजनों में रुचि बढ़ी थी। उन्होंने बचपन से ही अपनी मां को माता रानी के भजन गाते सुना था। नरेंद्र चंचल अपनी पहली गुरु अपनी मां को माना करते थे। इसके बाद उन्होंने प्रेम त्रिखा से संगीत सीखा। फिर वह भजन गाने लगे। नरेंद्र चंचल ने मिडनाइट सिंगर बायोग्राफी भी जारी की, जो उनके जीवन, संघर्षों और कठिनाइयों को बताती है।
नरेंद्र चंचल ने सालों साल के संघर्ष के बाद 1973 में फिल्म बॉबी के लिए बेशक मंदिर मस्जिद गाया और फिल्मफेयर बेस्ट मेल प्लेबैक अवार्ड अपने नाम किया। उन्होंने भक्ति गीतों की दुनिया में अपनी अनोखी पहचान बनाई। फिल्मों में काम मिलने के बाद उन्होंने मन बना लिया था कि वह अब भजन और माता के गीत नहीं गाएंगे। उन्होंने कहा था, मुझे फिल्मी गानों से रूपया और शोहरत मिल रही थी. मैंने फैसला कर लिया था कि अब भजन नही, सिर्फ फिल्मी गीत गाऊंगा। सफलता का नशा सिर पर चढ़ गया था।’बाकी कुछ बचा तो महंगाई मार गई और ‘मैं बेनाम हो गया गया था।
नरेंद्र चंचल के मुताबिक एक दिन में फिल्म म्यूजिक नाइट के लिए आगरा जा रहा था। उससे पहले काली माता के मंदिर माथा टेकने गया। यहां मैं पहले भी माता के गीत गाता था। वहां कुछ भक्त भजन-कीर्तन कर रहे थे। उन्होंने मुझसे एक भजन गाने के लिए कहा। मैंने तबीयत खराब होने का बहाना बनाया और गाए बिना वहां से चला गया। लेकिन उस रात ऐसा चमत्कार हुआ कि मेरी आवाज ही चली गई। मैं समझ गया कि माता रानी की मेरी गलती और अहंकार की सजा दे रही है।
नरेंद्र चंचल ने कई महीनों तक आवाज के बिना रहे। उनका ट्रीटमेंट चला। वह ठीक हुए तो उन्होंने सिर्फ माता के भजन और गीत गाने का ही फैसला किया। उन्होंने फिल्मी गानों से तौबा कर ली। उन्होंने ‘आशा का ‘तूने मुझे बुलाया शेरा वालिए और ‘अवतार का ‘चलो बुलावा आया है गाए और खूब प्रसिद्धि पाई। नरेंद्र चंचल ने जॉर्जिया की नागरिकता भी प्राप्त कर ली थी। भजन सम्राट नरेंद्र चंचल का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में 22 जनवरी, 2021 को निधन हुआ। वह 80 साल के थे। नरेंद्र चंचल पिछले तीन महीने से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था। साभार सोशल मिडिया से