प्रोफेसर बलराज मधोक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक, जम्मू-कश्मीर प्रजा परिषद के संस्थापक और मन्त्री, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापक, भारतीय जन संघ के संस्थापक और अध्यक्ष थे। वे उन्नीस सौ साठ के दशक के वरिष्ट राजनेता थे। वे दो बार सांसद भी रह चुके हैं। वे शिक्षाविद, विचारक, इतिहासवेत्ता, लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक भी थे।
बलराज मधोक का जन्म 25 फ़रवरी 1920० को जम्मू एवं काश्मीर के अस्कार्डू में हुआ था। उनकी उच्च सिक्षा लाहौर विश्वविद्यालय में हुई। 18 वर्ष की आयु में अपने छात्रजीवन में ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आये। 1942 में भारतीय सेना में सेवा (कमीशन) का प्रस्ताव ठुकराते हुए उन्होने आर एस एस के प्रचारक के रूप में देश की सेवा करने का व्रत लिया।
फरवरी, 1973 में कानपुर में जनसंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सामने एक नोट पेश किया। उस नोट में प्रोफेसर बलराज मधोक ने आर्थिक नीति, बैंकों के राष्ट्रीयकरण पर जनसंघ की विचारधारा के उलट बातें कही थीं। इसके अलावा प्रोफेसर बलराज मधोक ने कहा था कि जनसंघ पर आरएसएस का असर बढ़ता जा रहा है।प्रोफेसर बलराज मधोक ने संगठन मंत्रियों को हटाकर जनसंघ की कार्यप्रणाली को ज्यादा लोकतांत्रिक बनाने की मांग भी उठाई थी। लालकृष्ण आडवाणी उस समय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। वे प्रोफेसर बलराज मधोक की इन बातों से इतने नाराज हो गए कि आडवाणी ने प्रोफेसर बलराज मधोक को पार्टी का अनुशासन तोड़ने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से उन्हें तीन साल के लिये पार्टी से बाहर कर दिया गया। इस घटना से बलराज मधोक इतने आहत हुए थे कि फिर कभी नहीं लौटे।
प्रोफेसर बलराज मधोक जनसंघ के जनता पार्टी में विलय के खिलाफ थे। 1979 में उन्होंने ‘भारतीय जनसंघ’ को जनता पार्टी से अलग कर लिया। उन्होंने अपनी पार्टी को बढ़ाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन सफलता हासिल नहीं हुई। 96 वर्ष की आयु में 2 मई 2016 को उनकी मृत्यु हो गई।
प्रोफेसर बलराज मधोक ने 30 से अधिक पुस्तकें लिखी है। इनमें से प्रमुख हैं: विभाजित भारत में मुस्लिम समस्या का पुनरोदयकश्मीर : जीत में हार खण्डित कश्मीर जीत या हार डॉ॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी – एक जीवनी कश्मीर : सेंटर ऑफ़ न्यू अलाइन्मेंट्स पाकिस्तान : आदि और अन्त Hindustan on the Cross Roads Portrait of a Martyr (Biography of Shyama Prasad Mukerjee),Kashmir: The Storm Center of The World,Bungling in Kashmir,Kargil and Indo-Pak Relations,
Rationale of Hindu State, etc.
सम्मान
वाकणकर पुरस्कार (201) वीर सावरकर पुरस्कार (2012)