भारत विविधताओं का देश है। यहां पर्यटन स्थलों की भरमार है। दुनियाभर के पर्यटकों की नजर भारत के पर्यटन स्थलों पर रहती है। भारत के पर्यटन स्थलों के प्रचार प्रसार के लिए हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए पर्यटन दिवस मनाने का फैसला लिया। भारतीय पर्यटन से करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है तो वहीं देश की जीडीपी में भी बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा पर्यटन दिवस के जरिए देश विदेश तक भारत की ऐतिहासिकता, खूबसूरती, प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति का प्रचार प्रसार होता है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक कई पर्यटन स्थल हैं जो यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पर्यटन दिवस इन्हीं आकर्षण को दुनिया के सामने लाने का एक जरिया है।
भारत का पर्यटन दिवस 25 जनवरी को होता है। इस दिन की शुरुआत 1948 में ही हो गई थी, जब देश आजाद होने के बाद भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक पर्यटन यातायात समिति का गठन किया गया। 1951 में कलकत्ता और मद्रास में पर्यटन दिवस के क्षेत्रीय कार्यालयों में बढ़ोतरी की गई। 1998 में पर्यटन और संचार मंत्री के अंतर्गत पर्यटन से एक विभाग जोड़ा गया।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत लोगों को पर्यटन का महत्व और भारतीय अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हुई थी। वैश्विक समुदायों के बीच पर्यटन और इसके सामाजिक, राजनीतिक, वित्तीय और सांस्कृतिक मूल्य के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
-भारत की जीडीपी में पर्यटन दिवस का गहरा प्रभाव है। साल भर विश्व स्तर से लोग भारत के दार्शनिक स्थल देखने आते हैं, जिससे भारत का आर्थिक स्तर बढ़ता है। -यहां का पर्यटन भारत की संस्कृति और सभ्यता को दर्शाता है, जिसका प्रचार प्रसार विदेशों तक होता है। -भारत के पर्यटन से लगभग 7.7 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका चला रहे हैं। इससे रोजगार मिलता है ।एजेन्सी