जयन्ती पर विशेष । शान्ति स्वरूप भटनागर प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जो औद्योगिक अनुसन्धान परिषद के निदेशक रहे। इन्होंने राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की स्थापना में अमूल्य योगदान दिया। शान्ति स्वरूप भटनागर का जन्म 21 फ़रवरी, 1894 को शाहपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। इनके पिता का नाम परमेश्वरी सहाय भटनागर था। इनका बचपन अपने ननिहाल में ही बीता। इनके नाना इंजीनियर थे, इसी कारण उनकी रुचि विज्ञान और अभियांत्रिकी में बढ़ गयी थी। इन्हें यांत्रिक खिलौने, इलेक्ट्रानिक बैटरियां और तारयुक्त टेलीफोन बनाने का शौक़ रहा।
शान्ति स्वरूप भटनागर स्नातकोत्तर की पढ़ाई के बाद शोध फेलोशिप पर इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने यूनिवर्सिटी कालेज लंदन से डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने कई वैज्ञानिक शोध किए। मैग्नेटो केमिस्ट्री और फिजिकल केमिस्ट्री आफ इमल्शन के क्षेत्र में उनके शोध को व्यापक मान्यता मिली।
स्वतंत्रता के बाद उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे और नीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें देश में 12 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की स्थापना की । उन्होंने सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के वे पहले अध्यक्ष थे। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1954 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
शांति स्वरूप भटनागर ने व्यावहारिक रसायन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने ‘नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कारपोरेशन’ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। एनआरडीसी की भूमिका शोध एवं विकास के बीच अंतर को समाप्त करने से संबंधित रही है। उन्होंने देश में ‘औद्योगिक शोध आंदोलन’ के प्रवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उनके नेतृत्व में भारत में कुल बारह राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई। जिस सीएसआईआर की स्थापना उन्होंने की थी, आज वह वैश्विक पटल पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों में भारत का नेतृत्व कर रहा है। आज सीएसआईआर का संपूर्ण भारत में 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 दूरस्थ केन्द्रों, 3 नवोन्मेषी कॉम्प्लेक्सों और 05 यूनिटों के साथ एक सक्रिय नेटवर्क है। सीएसआईआर, रेडियो एवं अंतरिक्ष भौतिकी, महासागर विज्ञान, भू-भौतिकी, रसायन, औषध, जीनोमिकी, जैव प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में में कार्य कर रहा है।
शान्ति स्वरूप भटनागर को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी क्षेत्र में 1954 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शान्ति स्वरूप भटनागर का निधन 1 जनवरी 1955 में हुआ था। शान्ति स्वरूप भटनागर की मृत्यु के बाद सी. एस. आई. आर. ने कुशल वैज्ञानिकों के लिए शान्ति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की घोषणा की थी। एजेन्सी।