मुबारक साल गिरह
स्वप्निल संसार। ”मुझे पीने का शौक नहीं…पीती हूं गम भूलाने को”, ये गाना साल 1983 में आई सुपरहिट फिल्म ‘कुली ’ का है. इस गाने में सिर पर लाल रंग का कपड़ा बांधे, हाथ में शराब की बोतल लिये, झूमती हुई एक लड़की अपने बचपन के खोये हुए आशिक को ढूंढती है वो लड़की थी शोमा आनंद. वो औरत जिसने अपनी दमदार निगेटिव बहू के अभिनय से उन सासों को इतना प्रभावित किया कि वे अपनी बहुओं पर शक करने लगीं थीं. शोमा आनंद 80 के दशक की बेहतरीन अदाकारा रहीं हैं.
शोमा आनंद का जन्म 16 फरवरी, 1958 में अमृतसर,में हुआ था.शोमा ने अपने करियर की शुरुआत 1976 में हिन्दी फिल्म बारूद से की थी. इस फिल्म में उनके अभिनेता ऋषि कपूर थे. इसमें वे लीड एक्ट्रेस थीं और फिल्म काफी सफल रही.इसके बाद 1980 से 1990 तक बहुत सी फिल्मों में सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रूप में पर्दे पर आयीं. उसके बाद कभी मां, कभी भाभी तो कभी खलनायिका बनकर लोकप्रिय रहीं.फिल्म बारूद की सफलता के बाद उन्होंने एक बार फिर लीड एक्ट्रेस बनकर 1980 में आई फिल्म पतिता में आईं. इस फिल्म में उनके अपोज़िट मिथुन चक्रवर्ती थे.
शोमा आनंद ने 90 के दशक में आये सीरियल भाभी और सुपरहिट सीरियल ‘हम पांच’ में सफलतापूर्क काम किया.शोमा ने एक्टर तारिक शाह के साथ शादी की और उनकी बेटी का नाम सारा है.शोमा आनंद ने फिल्मों में निगेटिव किरदारों में बहु का रोल बखूबी निभाया जिसमें वे किरदार में जान डाल देती थीं.अपने करियर में लगभग 110 फिल्मों में काम किया लेकिन 1980 से 2005 तक शोमा आनंद ने घर द्वार (1985), खूनी महल (1987), कूली (1983), घर एक मंदिर (1984), जागीर (1984), प्यार का मंदिर (1988), स्वर्ग से सुंदर (1986), जैसी करनी वैसी भरनी (1989), हिम्मतवाला (1983), आग और शोला (1986), कर्ज़ चुकाना है (1991), औरत तेरी यही कहानी (1988), बड़े घर की बेटी (1989), हंगामा (2003), कल हो ना हो (2003) और क्या कूल है हम (2005) सुपरहिट फिल्मों में काम किया है.फ़िलहाल वे फिल्मों से दूर हैं।
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